Foreign Minister S Jaishankar News : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा घोषित जवाबी शुल्क के बीच, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बृहस्पतिवार को कहा कि दुनिया स्व-सहायता के युग की ओर बढ़ रही है और हर क्षेत्र को खुद पर ध्यान देना होगा। जयशंकर ने बंगाल की खाड़ी बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग पहल (BIMSTEC) के 20वें मंत्रिस्तरीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि छोटी आपूर्ति श्रृंखलाएं और निकट पड़ोसी अब पहले की तुलना में अधिक महत्वपूर्ण हो गए हैं। मंत्री ने कहा कि बिम्सटेक शिखर सम्मेलन बहुत अनिश्चित और अस्थिर समय में हो रहा है जबकि वैश्विक व्यवस्था उथल-पुथल के दौर से गुजर रही है।
उन्होंने कहा, वास्तविकता यह है कि दुनिया स्व-सहायता के युग की ओर बढ़ रही है। हर क्षेत्र को खुद पर ध्यान देने की जरूरत है, चाहे वह खाद्य, ईंधन और उर्वरक आपूर्ति, टीके या त्वरित आपदा प्रतिक्रिया हो। विदेशमंत्री ने कहा, हम अपनी आंखों के सामने इसे घटित होते देख रहे हैं। समय वास्तव में बदल गया है। छोटी आपूर्ति श्रृंखलाएं और निकट पड़ोसी पहले की तुलना में कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो गए हैं।
जयशंकर जहां बिम्सटेक मंत्रिस्तरीय बैठक में भाग लेने के लिए यहां हैं। वहीं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी छठे बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए बृहस्पतिवार को यहां पहुंचे। मंत्री ने कहा कि बिम्सटेक शिखर सम्मेलन बहुत अनिश्चित और अस्थिर समय में हो रहा है जबकि वैश्विक व्यवस्था उथल-पुथल के दौर से गुजर रही है।
उन्होंने कहा, इससे हमें बिम्सटेक को और अधिक महत्वाकांक्षी दृष्टिकोण से देखने के लिए प्रोत्साहित होना चाहिए। नई व्यवस्था, जिसकी रूपरेखा अब दिखाई देने लगी है, मूल रूप से अधिक क्षेत्रीय और एजेंडा-विशिष्ट है। मंत्री ने कहा, वह युग जब कुछ शक्तियां अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को अपने हाथ में लेती थीं, अब पीछे छूट चुका है।
उन्होंने कहा, हम अपनी संभावनाओं को किस तरह से देखते हैं, यह काफी हद तक हम पर निर्भर करता है। कई चुनौतियां का सामना कर रहे विकासशील देशों के लिए अकेले इनसे निपटने के बजाय एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करना बेहतर है। जयशंकर ने रेखांकित किया कि भारत का पूर्वोत्तर क्षेत्र विशेष रूप से सड़कों, रेलवे, जलमार्गों, ग्रिडों और पाइपलाइन के नेटवर्क के साथ बिम्सटेक के लिए संपर्क केंद्र के रूप में उभर रहा है।
उन्होंने कहा, त्रिपक्षीय राजमार्ग का पूरा होना भारत के उत्तर पूर्व को प्रशांत महासागर तक जोड़ देगा, जो वास्तव में एक परिवर्तनकारी कदम होगा। जयशंकर ने यह भी कहा कि बंगाल की खाड़ी के आसपास के देशों के साझा हित और साझा चिंताएं हैं, जो इतिहास से उपजी हैं।
उन्होंने कहा, चाहे वह बिम्सटेक सदस्यों के बीच संपर्क, व्यापार, निवेश या सेवाएं हों, हम अपनी वास्तविक क्षमता से कम प्रदर्शन कर रहे हैं। जयशंकर ने कहा कि भारत के दृष्टिकोण से बिम्सटेक तीन महत्वपूर्ण पहलों- एक्ट ईस्ट पॉलिसी, नेबरहुड फर्स्ट दृष्टिकोण और महा-सागर दृष्टिकोण का प्रतिनिधित्व करता है। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour