रियाद। सऊदी अरब ने अरामको के 2 तेल संयंत्रों पर हुए ड्रोन हमलों के बाद तेल और गैस उत्पादन में 50 प्रतिशत की कटौती की है। ब्रिटेन की प्रसारण कंपनी सीएनबीसी की रिपोर्ट के अनुसार सऊदी अरब के ऊर्जा मंत्री प्रिंस अब्दुलाजिज बिन सलमान ने शनिवार को बताया कि ड्रोन हमले के कारण कच्चे तेल के उत्पादन में 1 दिन में 57 लाख बैरल यानी लगभग 50 प्रतिशत की कटौती हुई है।
प्रिंस अब्दुलाजिज ने एक बयान में कहा कि हमले के कारण अबकैक तथा खुरैस संयंत्रों में अस्थायी तौर पर उत्पादन को स्थगित किया गया है और तेल उत्पादन में की गई कटौती की भरपाई अरामको के तेल भंडारों से की जाएगी।
उधर अरामको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमीन नासिर ने कहा कि हमले में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। यमन के हौती विद्रोहियों ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है और कहा है कि यह ब्रिटेन में हुए बड़े हमलों में से एक है। एक हौती प्रवक्ता ने कहा कि हम सऊदी शासन से वादा करते हैं कि भविष्य में हमारे अभियान का विस्तार होगा और जब तक उसकी आक्रामकता और घेराबंदी जारी रहेगी, ये और अधिक कष्टदायक होंगे। हमले के लिए 10 ड्रोन तैनात किए गए हैं।
अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने सऊदी अरब के तेल संयंत्रों पर हुए हमले के लिए ईरान को जिम्मेदार ठहराया है और कहा है कि इस बात के सबूत नहीं है कि इस हमले को यमन से अंजाम दिया गया है।
उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि जबसे हसन रूहानी तथा मोहम्मद जावेद जरीफ ने राजनयिक संबंध में ढोंग करना शुरू किया, तब से सऊदी अरब में हुए लगभग 100 हमलों में ईरान का हाथ रहा है। परमाणु निरस्त्रीकरण के आह्वान के बीच ईरान ने दुनिया की ऊर्जा आपूर्ति पर अभूतपूर्व हमला किया है। इस हमले को यमन से अंजाम दिया गया, इसके सबूत नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि हम सभी देशों से सार्वजनिक तौर पर और स्पष्ट रूप से ईरान के हमले की निंदा करने की अपील करते हैं। अमेरिका अपने सहयोगियों के साथ ऊर्जा आपूर्ति को सुचारू रूप से सुनिश्चित कराने के लिए काम करेगा। ईरान इस आक्रमण के लिए जिम्मेदार है। उधर व्हाइट हाउस ने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सऊदी अरब को अमेरिका की ओर से समर्थन देने का प्रस्ताव दिया है।