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दिलफेंक आशिक भी थे आइंस्टीन, जानें महान वैज्ञानिक की प्रेम कहानियां...

हमें फॉलो करें दिलफेंक आशिक भी थे आइंस्टीन, जानें महान वैज्ञानिक की प्रेम कहानियां...
आमतौर पर माना जाता है कि वैज्ञानिक लोग अपने कामों में लगे रहने और हमेशा ही अपनी ही दुनिया में विचरण करने वाले प्राणी होते हैं जिनके लिए हुस्न, इश्क और प्यार जैसी चीजों के लिए बहुत कम समय होता है। संभव है कि वे इन बातों को तुच्छ और महत्वहीन मानते हों लेकिन शायद आपको पता नहीं होगा कि अल्बर्ट आइंस्टीन जितने महान वैज्ञानिक थे, उतने ही बड़े दिलफेंक आशिक भी थे। यह बात अलग है कि उनके प्रेम प्रसंगों के बारे में बहुत कम जानकारी ही सामने आ सकी है।
वे अपने एक खास किस्म के गंदभीभरे और विचित्र किस्म की ड्रेस व बालों के लिए जाने जाते थे। बालों में कंघी करने की जरूरत उन्हें थी नहीं और अपने शरीर पर बहुत अधिक बड़े कपड़ों में उन्हें देखा जाता था। उनकी एक खूबी यह भी थी कि वे कभी भी मोजे नहीं पहनते थे। वे मोजे पहनने को ही गैर-जरूरी समझते थे। जब कभी वे व्हाइट हाउस जाते थे तो उनके मोजों में छेद होते थे और वे बालों में कंघी नहीं करते थे। वे अपने पाइप या चुरु  लिए भी जाने जाते थे। 
 
जब वे प्रिंसटन यूनिवर्सिटी में थे और घर से दफ्तर जाते थे तो उन्हें हमेशा ही धुआं छोड़ते देखा जाता था। जब उनसे तंबाकू पीने के लाभ के बारे में पूछा गया तो उनका कहना था कि ' मैं मानता हूं कि आदमी पाइप पीने से शांत बना रहता है और अपने जीवन के सभी उद्देश्यपरक फैसलों को लेने में सहज होता है।' उनकी याददाश्त भी बहुत खराब थी, उन्हें लोगों के न तो नाम और न ही फोन नंबर याद रहते थे। यहां तक कि उन्हें खुद का फोन नंबर याद नहीं रहता था। वे अपना ऑटोग्राफ लेने के लिए पैसे लेते थे लेकिन बाद में वे सारा पैसा दान में दे देते थे।
कौन थी आइंस्टीन की पहली प्रेमिका, पढ़ें अगले पेज पर...

पहला प्यार : वर्ष 1901 में आइंस्टीन अपनी पहली गर्लफ्रेंड मिलेवा मैरिक के साथ इटली में छुट्टियां मना रहे थे। तब मिलेवा एक बच्चे की मां बन चुकी थी और आइंस्टीन के पास इतना भी पैसा नहीं था कि वे पत्नी, बच्चे की भलीभांति देखभाल कर सकें। उनकी यह बच्ची लाइजरल 1902 में पैदा हुई थी लेकिन आइंस्टीन ने मिलेवा को जब 1903 में जो पत्र लिखे, उनमें बच्ची का जिक्र नहीं है। संभवत: लाल बुखार के कारण बच्ची की मौत हो गई थी। बाद में आइंसटीन ने 1912 में मिलेवा को छोड़ दिया था और 1919 में दोनों का तलाक भी हो गया था।
 
अपनी पहली शादी के दौरान ही आइंस्टीन के कम से कम छह महिलाओं के साथ प्रेम प्रसंग थे। इसलिए वे अपनी पत्नी से तलाक चाहते थे। जब मिलेवा ने तलाक देने से इनकार कर दिया तो उन्होंने अपने साथ मिलेवा के लिए शर्तों और नियमों की सूची दी और इस पर पत्नी से हस्ताक्षर करने को कहा। वे चाहते थे कि उनकी पत्नी यह लिखकर दे दे कि वे एक सुखी, विवाहित दम्पति थे। एक ही छत के नीचे साथ रहने के लिए मिलेवा को शर्ते माननी पड़ीं जिनमें दोनों के बीच सेक्स पर पूरी तरह से रोक और घरेलू मामलों में दखलंदाजी न करना शामिल था।
 
आइंस्टीन ने अपनी शर्तें इस प्रकार तय की थीं :
1. तुम यह सुनिश्चित करोगी कि मेरे कपड़े और निजी उपयोग की चीजें साफ, अच्छी हालत में हों। दिन में तीन बार भोजन मुझे मेरे कमरे में दिया जाएगा। मेरा बिस्तर और ऑफिस पूरी तरह से चाक चौबंद होगा और कमरे की डेस्क केवल मेरे लिए ही उपलब्ध होगी।
 
2. जब तक सामाजिक कारणों के चलते जरूरी न हो तब तक तुम्हारे मेरे साथ कोई निजी संबंध नहीं होंगे। तुम घर पर मेरे साथ नहीं बैठोगी। न ही मेरे साथ बाहर जाओगी या मेरे साथ यात्रा करोगी।
 
3. मुझसे संबंध बनाए रखने के लिए तुम्हें खुले आम इन बातों का ध्यान रखोगी। न तो तुम मेरे साथ किसी तरह की करीबी रखोगी और न ही भला-बुरा कहोगी। जब भी मैं तुमसे कहूंगा तुम तुरंत ही बात करना बंद कर दोगी। जब मैं तुमसे कहूं तो तुम बिना किसी विरोध के मेरे बिस्तर के कमरे या ऑफिस से बाहर चली जाओगी। साथ ही, मेरे बच्चों के सामने तुम अपमानित करने की कोशिश नहीं करोगी।
 
मैरिक और आइंस्टीन करीब दस वर्षों तक साथ रहे और इस दौरान आइंस्टीन का करियर खूब फलाफूला। इसी दौरान उन्होंने सापेक्षता का सिद्धांत भी रचा लेकिन दोनों के बीच संबंध खराब हो गए क्योंकि दूसरी औरतों में दिलचस्पी लेने वाले आइंस्टीन 1912 में अपनी चचेरी बहन एल्सा के मोहपाश में बंध गए। उन्होंने एल्सा से कहा कि मैरिक ईर्ष्‍या और अवसाद से ग्रस्त रहती है।
ये थी आइंस्टीन की दूसरी प्र‍ेमिका, पढ़ें अगले पेज पर...

दूसरा प्यार : 14 फरबरी, 1919 को मैरिक और आइंसटीन का तलाक हो गया। तलाक के तुरंत बाद आइंसटीन ने एल्सा से विवाह कर लिया। मातृ पक्ष की ओर से एल्सा पहली और पितृ पक्ष की ओर दूसरी बहन थी। दोनों ने 2 जून, 1919 को विवाह कर लिया। एल्सा, अल्बर्ट की दूसरी पत्नी थी और इस शादी से पहले उनका मैक्स लोवेंथाल से विवाह हुआ था, लेकिन अल्बर्ट से विवाह के लिए उन्होंने अपने पहले पति को छोड़ दिया था। पर एल्सा के साथ विवाह के बाद भी अल्बर्ट के और भी कई प्रेम प्रसंग चलते रहे और 1936 में जब उसकी मौत हुई तब भी जीनियस प्लेबॉय का अफेयर चल रहा था। 
आइंस्टीन की तीसरी प्रेमिका के बारे में पढ़ें अगले पेज पर...

तीसरा प्यार : अल्बर्ट का तीसरा प्यार बेट्टी न्यूमैन नाम की महिला से हुआ। दोनों के बीच 1923 में प्यार हुआ था और बेट्‍टी उनके करीबी मित्र हांस मुहसाम की भतीजी थी। आइंस्टीन ने उसे पारिवारिक जीवन में मिलाने की भरपूर कोशिश की लेकिन वह असफल हुआ और उसने बेट्‍टी को एक असाधारण और मर्मस्पर्शी नोट लिखा, 'जो ‍मैं पृथ्वी पर ना पा सका, उसे अब सितारों में पाने की कोशिश करूंगा।' यह रिश्ता भी 1924 में समाप्त हो गया। उनके कई महिलाओं के साथ संबंध बने रहे लेकिन 1936 में एल्सा की मौत के बाद उसने फिर से शादी नहीं की।
 
आइंस्टीन को महिलाओं का साथ बहुत पसंद था और उनकी बौद्धिक क्षमताओं के कारण महिलाएं उससे प्रभावित भी हो जाती थीं। पहले वह ‍बर्लिन में सोशलाइट महिलाओं के बीच लोकप्रिय थे और बाद में अमेरिका में भी रिश्ते बनते रहे। वह रिश्ते बनाते थे, लेकिन जब कोई रिश्ता गहराता तो वह निष्क्रिय हो जाते और इधर-उधर की महिलाओं में दिलचस्पी लेने लगते। चूंकि किसी भी महिला के साथ उनका रिश्ता गहरा नहीं होता था इसलिए उन्हें अपना काम करने के लिए जिस एकांत की जरूरत हो जाती थी, वह मिल जाता, लेकिन उसकी इस आदत को बहुत कम लोग ही पसंद करते थे।
 
अपने विवाहेत्तर संबंधों को लेकर आइंस्टीन एल्सा के साथ बहुत मुखर थे। 1920 के दशक के मध्य में वर्ष 1933 में अमेरिका प्रवास तक जाने के दौरान उनके जीवन में कई महिलाएं रहीं। इस दौरान एक मारग्रेट, एक एस्टेला, दो अन्य महिलाओं टोनी और ईथल के साथ उनके संबंध रहे। इनके साथ वह अपनी छुट्‍टियां बिताते, किताबें पढ़ते और संगीत कार्यक्रमों में भाग लेते। एल्सा को लिखे एक पत्र में उन्होंने लिखा कि महिलाएं उनका पीछा करती थीं और उन पर अवांछित प्यार उड़ेला करती थीं।'
 
उन्हें अपनी कमजोरी का अहसास था। इस बारे में प्रो. गटफ्रॉयड का कहना है कि 'वह किसी भी एक महिला के साथ लम्बे और स्थिर रिश्ता बनाने लायक नहीं था और आइंस्टीन ने इस बात को अपने एक मृत दोस्त के बेटे को लिखा था।' आइंस्टीन के लिखा, 'तुम्हारे पिता की जिस बात की मैं प्रशंसा करता हूं वह यह है कि वह आजीवन एक ही महिला के साथ रहा। यह एक ऐसा प्रोजेक्ट है जिसमें मैं दो बार पूरी तरह से फेल हुआ हूं।' इसलिए 'अगर कोई आइंस्टीन के प्यार को लेकर कोई बात करता है तो उसका निरंतर और सतत प्यार साइंस था जिससे वह आजीवन जुड़ा रहा।'
इस महिला से था आइंस्टीन का चौथा प्रेम संबंध, पढ़ें अगले पेज पर...

चौथा प्रेम संबंध : मारग्रेट लेबाख उनका चौथा प्यार थी। 1920 के दशक के मध्य से वर्ष 1933 में अमेरिका प्रवास पर जाने के बीच उनका कई महिलाओं से संबंध रहा। इनमें से मार्गट लेबाख थी जो कि ऑस्ट्रिया की सुनहरे बालों वाली सुंदरी थी। लेकिन उनके और प्रेम संबंध बनते रहे और वह इन सभी से इश्कबाजी करते रहे। 
 
फूलों का कारोबार करने वाली एक सम्पन्न कारोबारी एस्टेला काजेनेलबोगन और एक सम्पन्न यहूदी विधवा टोनी मेंडल से भी उनके रिश्ते रहे। इनके साथ वह मौजमजे करने के लिए जाते, नाव की सैर करते, किताब पढ़ते और संगीत का लुत्फ उठाते। इस दौरान के पत्र इस बात का भी इशारा करते हैं कि एक ओर टोनी और ईथल नाम की महिलाएं भी उनके साथ रहीं। बर्लिन की एक सोशलाइट और मार्गरेट की मित्र, ईथल मिकानोवस्की, 1920 के दशक के अंतिम वर्षों और 1930 के शुरूआत में उनसे जुड़ी रहीं। अपनी पत्नी एल्सा को लिखे एक पत्र में आइंस्टीन ने लिखा है, 'श्रीमती एम ने निश्चित रूप से सर्वोत्तम ईसाई-यहूदी आचरण के अनुरूप काम किया।'  
 
1. किसी को वही करना चाहिए जिसमें उसे मजा आता हो और जिससे किसी दूसरे को किसी तरह से नुकसान न पहुंचे।
2. किसी को भी ऐसी चीजों से दूर रहना चाहिए जिसमें किसी को मजा ना आता हो और जिससे दूसरा व्यक्ति परेशान हो।
 
क्योंकि वह मेरे साथ आई और चूंकि उसने तुमसे कोई शब्द भी नहीं कहा। क्या वह निर्दोष नही है? 
 
आइंस्टीन के दस्तावेजों का अध्ययन करने वाली बारबरा वूल्‍फ का कहना है कि वह अल्बर्ट का पीछा करते हुए इंग्लैंड तक आ गई। वर्ष 1931 में मार्गरेट को लिखे एक पत्र में उसने शिकायत की 'कि श्रीमती एम (मिकानोवस्की) मेरा पीछा करते इंग्लैंड तक आ गईं लेकिन उनका मेरा पीछा करना मुझे नियंत्रण से बाहर कर रहा है।
 
मार्गरीटा- आइंस्‍टीन का अंतिम प्यार : मार्गरीटा कोकेनकोवा (1895-1980, विवाह पूर्व वोरोन्तसोवा) एक रूसी जासूस थी जो कि आइंसटीन का अंतिम प्यार साबित हुई। वर्ष 1965 में प्रिंसटन यूनिवर्सिटी ने एक महान रूसी शिल्पज्ञ सेर्गेई कोनेनकोव को आइंस्टीन की मूर्ति बनाने के लिए भेजा। वे कोकेनकोव के घर में शुरुआती स्केचेज बनाने के लिए बैठते थे, लेकिन जब इन सत्रों के दौरान कोनेनकोव अपनी पत्नी मार्गरीटा कोनेनकोवा के साथ आए तो दोनों में देखते ही प्यार हो गया।
 
इजाकसन ने लिखा है कि मार्गरीटा अपने समय की स्वतंत्र औरत थी। दूर-दूर तक यात्राएं कर चुकी मार्गरीटा मजाकिया इंसान और पेशे से वकील थी जो कि बहुत ही स्मार्ट होने के साथ-साथ पांच भाषाएं जानती थी। मार्गरीटा जो कुछ कर रही थी, उसके पति ने उसे करने दिया और जो अंतत: आइंस्टीन के लिए एक आमंत्रण साबित हुआ। सेर्गेई दिनभर अपने काम में व्यस्त रहता और इजाकसन का कहना है कि मार्गरीटा को तब बड़ा आश्चर्य हुआ तब आइंस्टीन ने उसका न्योता स्वीकार कर लिया। 
 
उस समय मार्गरीटा 46 की थी और अल्बर्ट 63 के और दोनों एक साथ चल पड़े। उनका घर लांग आइलैंड साउंड पर सातुकेट पर किनारे बना था। इसके साथ ही आइंस्टीन का एक और रोमांस शुरू हुआ जो कि चार वर्षों तक चला और तब युद्ध भी समाप्त हो चुका था। सारनैक लेक पर ली गई दोनों की तस्वीरें थीं। बाद के वर्षों में आइंस्टीन लोगों को बताते थे कि वह उनकी नई साथी थी।
  
कोनेनकोव और उनकी पत्नी मार्गरीटा कोनेनकोवा अमेरिका में 1920 के दशक के मध्य से 1945 तक रहे और इस दौरान उनका काम अमेरिकी परमाणु बम प्रोग्राम की जानकारी इकट्‍ठा करना थी। दूसरे विश्वयुद्ध की समाप्ति के बाद मार्गरीटा और सेर्गेई कोनेनकोवा ने अमेरिका छोड़ दिया। तब आइंस्‍टीन ने मार्गरीटा को विदाई की भेंट के तौर पर सोने की घड़ी उपहार में दी थी। मार्गरीटा की 1980 में दम घुटने से मौत हुई थी, लेकिन इससे पहले आइंस्टीन और उसके पति की मौत हो चुकी थी। 

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