वैंकुवर। अमेरिका और कनाडा में भीषण गर्मी से बुरा हाल है। कनाडा में बुधवार को तापमान 49.5 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। तेज लू की वजह से सैकड़ों लोग मारे जा चुके हैं। इस सप्ताह के पहले देश में पारा 45 डिग्री सेल्सियस के पार नहीं पहुंचा था।
बताया जा रहा है कि उत्तरी-पश्चिमी अमेरिका और कनाडा में उच्च दबाव का क्षेत्र बनने की वजह से दोनों ही देशों में लू चल रही है। 10 हजार साल में पहली बार हीट डोम प्रभाव कनाडा पर पड़ा है। इडाहो, ओरेगन, पूर्वी वॉशिंगटन समेत कई अमेरिकी राज्यों के लोग भीषण गर्मी से परेशान हैं।
ओरेगन के स्वास्थ्य अधिकारी ने बुधवार देर रात बताया कि गर्मी के कारण 60 से अधिक लोगों की मौत हो गयी है और राज्य की सबसे बड़ी काउंटी मुल्टनोमा में शुक्रवार से लू चलने के बाद से 45 लोगों की मौत हो चुकी है।
वहीं, कनाडा के पश्चिमी प्रांत ब्रिटिश कोलंबिया के मुख्य कोरोनर लीसा लैपोइंते ने बताया कि उनके कार्यालय को शुक्रवार से बुधवार को दोपहर एक बजे के बीच कम से कम 486 लोगों की अचानक और प्रत्याशित तरीके से मौत होने की खबरें मिली हैं। उन्होंने एक बयान में कहा कि हालांकि यह कहना अभी जल्दबाजी होगी कि इनमें से कितनी मौत गर्मी की वजह से हुई लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि अत्यधिक गर्मी के कारण मौत की संख्या बढ़ रही है।
स्कूल और वैक्सीन सेंटर बंद : भीषण गर्मी की वजह से कनाडा में स्कूल और वैक्सीनेशन सेंटर बंद कर दिए गए हैं। पर्यावरण मंत्रालय ने इस मामले में अलर्ट भी जारी किया है। सड़कों पर पानी के फव्वारे लगाए हैं, एसी वाले स्थानों पर भीड़ बढ़ गई है। सरकार ने भी कूलिंग सेंटर भी बनाए गए हैं जिसमें लोग अपना समय बिता रहे हैं।
गर्मी ने तोड़ा 84 साल का रिकॉर्ड : कनाडा मौसम विभाग की रिपोर्ट के अनुसार गर्मी ने 84 साल पहले का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। कोरोना काल में राहत मिलने के बाद लोग बाहर घूमने जाने की तैयारी में थे लेकिन झुलसा देने वाली गर्मी की वजह से वे अपने घरों में रहने को मजबूर हैं।
जैकोबाबाद में भी पारा 50 के पार : जलवायु परिवर्तन से बढ़ी गर्मी के लिहाज से सिन्ध के जैकोबाबाद शहर को सबसे खतरनाक माना जाता है। यहां गर्मियों में तापमान 52 डिग्री सेल्सियस तक चला जाता है।