Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

इस तरह सुलझा बंदर की सेल्फी से होने वाली कमाई का मामला...

हमें फॉलो करें इस तरह सुलझा बंदर की सेल्फी से होने वाली कमाई का मामला...
सेन फ्रांसिस्को , मंगलवार, 12 सितम्बर 2017 (10:25 IST)
सेन फ्रांसिस्को। सेल्फी बंदर ने ली, अब उस पर अधिकार किसका? इस अनोखे सवाल का जवाब संघीय अपीली अदालत देती उससे पहले ही अटॉर्नी ने घोषणा कर दी कि सेल्फी तस्वीर के कॉपीराइट मामले का निबटारा हो गया है।
 
इस समझौते के तहत, जिस फोटोग्राफर के कैमरे का इस्तेमाल तस्वीर लेने के लिए हुआ था उसने भविष्य में तस्वीरों से मिलने वाले राजस्व का 25 फीसदी अंश इंडोनेशिया में बंदरों की विशेष प्रजाति के संरक्षण का काम करने वाली धर्मार्थ संस्थाओं को देने पर सहमति जताई है। प्राणी-अधिकार समूह के वकीलों ने यह जानकारी दी।
 
समूह के अटॉर्नी और फोटोग्राफर डेविड स्लाटर ने सान फ्रांसिस्को स्थित नाइन्थ यूएस सर्किट कोर्ट ऑफ अपील्स से मामले को निरस्त करने और निचली अदालत के उस फैसले को रद्द करने को कहा जिसमें कहा गया था कि कॉपीराइट का अधिकार प्राणियों को नहीं मिल सकता है।
 
स्लाटर के अटॉर्नी एंड्रयू जे धुये ने यह बताने से इनकार कर दिया कि तस्वीरों से कितनी कमाई हुई और क्या उनके मुवक्किल भविष्य की कमाई का पूरा 75 फीसदी अंश अपने पास रखेंगे।
 
अपीली अदालत ने तत्काल कोई फैसला नहीं दिया है। पीपल फॉर एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स ने वर्ष 2015 में विशेष प्रजाति के उस बंदर ओर से मुकदमा दायर किया था जिसने स्लाटर के कैमरा से तस्वीरें ली थी। नारूटो नाम के बंदर की ओर से पेटा ने तस्वीरों का वित्तीय नियंत्रण देने की मांग की थी।
 
पेटा और स्लाटर ने संयुक्त बयान में कहा है कि वह दोनों इस बात पर सहमत हैं कि यह एक अहम मामला है जो गैर इंसान प्राणियों को कानूनी अधिकार देने से जुड़ा मुद्दा है। इस लक्ष्य का दोनों ही समर्थन करते हैं और इसे पाने के लिए वे अपना काम जारी रखेंगे।
 
ये तस्वीरें वर्ष 2011 की, इंडोनेशिया के सुलावेसी की हैं। स्लाटर ने कैमरा लावारिस हालत में छोड़ रखा था, इसी बीच बंदर ने उससे तस्वीरें ले ली। (भाषा) 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

ब्लू व्हेल गेम खेल रहा था लड़का, माता-पिता ने उठाया यह कदम...