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'यौन दासता' पर समझौता दोषपूर्ण : दक्षिण कोरिया

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, बुधवार, 27 दिसंबर 2017 (21:34 IST)
सोल। दक्षिण कोरिया ने बुधवार को कहा कि युद्ध के समय टोक्यो में 'यौन दासता' की घटनाओं को लेकर जापान के साथ जारी विवाद को खत्म करने के लिए वर्ष 2015 में जो समझौता किया गया था, वह दोषपूर्ण है। इसके साथ ही दोनों देशों का वह जख्म फिर हरा हो गया।
 
सोल और टोक्यो ने दशकों पुराने और बेहद भावनात्मक इस मुद्दे को खत्म करने के लिए एक समझौता किया था। इसके साथ ही जापान ने जो हुआ उसके लिए माफी मांगी थी तथा उस तकलीफ से गुजरने वाली जीवित महिलाओं को मुआवजा दिया था।
 
राष्ट्रपति मून जाए इन की नई सरकार ने उस बेहद अलोकप्रिय समझौते पर पुनर्विचार का आदेश दिया। उन्होंने चुनाव के प्रचार में ऐसा करने का वादा किया था। यह समझौता उनकी पूर्ववर्ती पार्क गेउन हे ने किया था, अब वह जेल में हैं।
 
आज प्रकाशित एक रिपोर्ट में कहा गया कि समझौता जल्दबाजी में किया गया और 'यौन दासता' में धकेली गईं महिलाओं की राय पर्याप्त ढंग से नहीं ली गईं। 'यौन दासता' में धकेली जानी वाली महिलाओं को 'कम्फर्ट वुमन' कहा जाता था।
 
विदेश मंत्री कांग क्यूंग व्हा ने समझौते के लिए माफी मांगी और कहा कि इससे पीड़ितों को ठेस पहुंची और यह समझौता उनके विचारों को व्यक्त करने में भी नाकाम रहा। हालांकि पर्यवेक्षकों की मानें तो समझौते से पीछे हटने का सोल का कोई भी कदम टोक्यो के साथ संबंध खराब करने का जोखिम लाएगा वह भी ऐसे समय जब दोनों देश परमाणु सम्पन्न उत्तर कोरिया पर लगाम कसने का प्रयास कर रहे हैं।
 
जापान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि टोक्यो ने सोल से 2015 के समझौता का पालन करने की मांग की है। मुख्यधारा के इतिहासकारों का कहना है कि द्वितीय विश्वयुद्ध के समय करीब 200000 महिलाओं को जापानी सेना के वेश्यालयों में काम करने को मजबूर किया गया था। इनमें से अधिकांश महिलाएं कोरिया से थीं, जबकि कई चीन समेत एशिया के अन्य हिस्सों से थीं। (भाषा)


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