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शी की भारत यात्रा से संबंधों के नए प्रतिमान बनेंगे

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बीजिंग , मंगलवार, 16 सितम्बर 2014 (22:39 IST)
बीजिंग। चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग की बुधवार से शुरू हो रही भारत यात्रा ऐतिहासिक रहेगी और इससे देशों के संबंधों में नए प्रतिमान बनेंगे। चीन के अधिकारियों व विश्लेषकों ने यह राय जाहिर की है। उनका कहना है कि शी की इस यात्रा में अर्थव्यवस्था व व्यापार एजेंडा में शीर्ष पर होंगे।
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता होंग लेई ने यहां मीडिया से बातचीत में कहा, राष्ट्रपति शी की ऐतिहासिक भारत यात्रा कल से शुरू हो रही है। 61 वर्षीय शी 1990 के दशक में भी प्रांतीय अधिकारी के रूप में भारत यात्रा पर गए थे, लेकिन चीन का राष्ट्रपति बनने के बाद वे पहली बार भारत यात्रा पर जा रहे हैं।
 
चीन के समसामयिक अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर सरकारी संस्थान के रिसर्च फेलो हू शिशेंग ने कहा, शी की यात्रा से भारत-चीन रिश्तों में नए प्रतिमान बनेंगे, क्योंकि उनकी इस यात्रा से दो देशों के सबसे ताकतवर नेता मिलेंगे। शी 10 साल तक चीन के राष्ट्रपति रहेंगे। 
 
चीन के अधिकारियों ने कहा कि निवेश की शुरुआत दो औद्योगिक पार्कों से होगी। इनमें से एक पार्क गुजरात व एक महाराष्ट्र में बनेगा। माना जा रहा है कि चीन भारत में 100 अरब से 300 अरब डॉलर तक का निवेश कर सकता है। 
 
प्रधानमंत्री ने दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों के इंच से मीलों की ओर बढ़ने की संभावनाएं जताते हुए कहा, हर इंच आगे बढ़ने पर हम मानवता के इतिहास का पुनर्लेखन कर सकते हैं और हमारा मील दर मील बढ़ना हमारी पूरी पृथ्वी को बेहतर बना सकता है। 
 
उन्होंने उम्मीद जताई कि भारत और चीन मिलकर कई मीलों का रास्ता पार कर सकते हैं। उन्होंने कहा, कई मील साथ चलने पर दो देश ही आगे नहीं बढ़ते बल्कि समस्त एशिया तथा मानवता प्रगति तथा समन्वय की ओर अग्रसर होगी।
 
दोनों देशों के संबंधों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, हमारे रिश्ते साधारण गणित से बयां नहीं किए जा सकते हैं। उनका एक अनूठा गुणधर्म है जो निर्णायक मोड़ ला सकता है। चीन के राष्ट्रपति शी भारत की अपनी तीन दिवसीय यात्रा की शुरुआत अहमदाबाद से करेंगे। मोदी उनकी अगवानी के लिए आज वहां पहुंच चुके हैं।
 
मोदी शी के सम्मान में कल साबरमती नदी के किनारे निजी भोज की मेजबानी करेंगे। शी 18 सितंबर को दिल्ली आएंगे। शी की ओर से भारतीय रेलवे, विनिर्माण और ढांचागत परियोजनाओं में अरबों डॉलर मूल्य का निवेश किए जाने की घोषणा करने की संभावना है।
 
चीन का विदेशी मुद्रा भंडार इस समय विश्व में सबसे अधिक है। यह मार्च में रिकॉर्ड तीन हजार 9 सौ 50 अरब डॉलर तक पहुंच गया है। चीन की इसमें से 500 अरब डॉलर अगले पांच साल में विश्वभर में निवेश करने की योजना है। (भाषा) 

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