लंदन। वैज्ञानिकों ने आगाह किया कि कम नींद से अल्जाइमर और मस्तिष्क संबंधी अन्य विकार का खतरा बढ़ जाता है। इटली के मार्के पॉलिटेक्निक विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं ने चूहों के 2 समूहों के मस्तिष्क का अध्ययन किया।
एक समूह को उनकी इच्छा के अनुसार जब तक चाहे सोने दिया गया या 8 घंटे तक जगाया गया। अन्य समूह को लगातार 5 दिन तक जगाकर रखा गया। टीम ने अपने अध्ययन में पाया कि अबाधित नींद लेने वाले चूहों के मस्तिष्क के साइनैप्स में करीब एस्ट्रोसाइट करीब 6 फीसदी सक्रिय पाए गए।
अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि कम सोने वाले चूहों में एस्ट्रोसाइट करीब 8 फीसदी सक्रिय पाया गया, वहीं बिलकुल नहीं सोने वाले चूहों में यह स्तर 13.50 प्रतिशत रहा। एस्ट्रोसाइट मस्तिष्क में अनावश्यक अंतरग्रंथियों को अलग करने का काम करता है। अनुसंधानकर्ताओं के मुताबिक कम अवधि में इस प्रक्रिया से लाभ मिल सकता है लेकिन लंबी अवधि के संदर्भ में यह अल्जाइमर और अन्य मस्तिष्क विकार के खतरे को बढ़ा देता है।
इस अध्ययन का प्रकाशन ‘न्यू साइंटिस्ट’ जर्नल में किया गया है। (भाषा)