अमेरिका के नार्थ कैरोलिना से जीवों के द्वारा प्रकृति की मार झेलते हुए जीवन बचाए रखने की कला का उत्कृष्ट नमूना सामने आ रहा है। जमा देने वाले तापमान के बीच मगरमच्छों ने जीवित रहने के लिए ऐसा अनोखा तरीका अपनाया है जिसे देखकर इंसान भी हैरान रह गए हैं।
नए साल की शुरुआत में अमेरिका को चपेट में लेने वाले बॉम्ब साइक्लोन के बाद दुनिया के इस सबसे विकसित देश का अधिकांश हिस्सा बर्फ की मोटी चादर से ढंका हुआ है। जमा देने वाले तापमान का असर इंसानी जनजीवन पर तो पड़ता ही है, लेकिन कभी आपने सोचा है कि ऐसी जानलेवा परिस्थितियों में अन्य जीव कैसे अपना अस्तित्व बचा पाते हैं?
नार्थ कैरोलिना के शैलोट रिवर स्वैम्प पार्क में मगरमच्छ सांस लेने के लिए अपनी नाक को पानी की सतह के ऊपर एवं शरीर को पानी के अंदर कर बर्फीले तापमान में जम गए हैं। विशेषज्ञों के अनुसार तापमान बढ़ने पर ये मगरमच्छ वापस सामान्य स्थिति पर लौट आएंगे और इस बर्फीले तूफान से बच जाएंगे।
मगरमच्छों के द्वारा अपनाई गई जीवित रहने की इस तकनीक को ब्रूमेशन कहा जाता है। यह काफी हद तक हाइबरनेशन से मिलती-जुलती तकनीक है। ब्रूमेशन के दौरान इन मगरमच्छों की पाचन क्रिया धीमी हो गई है, और ये कम ऊर्जा में जीवित रहने की प्रणाली अपना चुके हैं। आम भाषा में कहा जाए तो ये मगरमच्छ आपके स्मार्टफोन की तरह पावर सेविंग मोड में चले गए हैं।
इस तरह आप समझ सकते हैं कि प्रकृति की इस लाजवाब तकनीक व पावर सेविंग मोड में जाने की कला इन जीवों को ऐसे जानलेवा हालात से निपटते हुए जीवित रहने योग्य बनाते हैं। यही काम इंसान अपने आप को बचाने के लिए तकनीक की मदद से घर व अन्य मददगार गैजेट्स बनाकर करता है, फिर भी इंसानी तकनीक अभी प्रकृति की तकनीक से काफी पीछे नजर आ रही है।