एम्सटर्डम। अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण ने दक्षिण चीन सागर में चीन के दावे को मंगलवार को खारिज कर दिया जिससे चीन को जबरदस्त झटका लगा है।
हेग स्थित कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन ने कहा कि 'नाइन डैश लाइन' के तहत जल क्षेत्र में संसाधनों पर चीन के अधिकारों के दावों का कोई कानूनी आधार नहीं है।
न्यायाधिकरण ने कहा कि दक्षिण चीन सागर पर चीन का अधिकार नहीं है। न्यायाधिकरण ने 497 पृष्ठ के अपने फैसले में कहा कि दक्षिणी चीन सागर के संसाधनों पर चीन के ऐतिहासिक अधिकार का कोई प्रमाण नहीं मिलता है।
इस बीच फिलीपीन्स के विदेश मंत्री परफेक्टो यासे ने दक्षिण चीन सागर पर अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण के फैसले के बाद दक्षिण चीन सागर क्षेत्र में संयम बरते जाने की अपील है। उन्होंने कहा कि हमारे विशेषज्ञ अदालत के निर्णय का अध्ययन कर रहे हैं। चीन ने न्यायाधिकरण के इस फैसले की निंदा की है।
अपने तट से करीब 140 मील के क्षेत्र पर चीन के कब्जा करने के आरोप के अलावा फिलीपीन्स ने अपनी याचिका में अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण से चीन के आधिकारिक मानचित्र पर अंकित 'नाइन डैश लाइन' के अंतर्गत जल क्षेत्र पर चीनी संप्रभुता के दावों को नामंजूर करने को कहा था।
चीन का दावा था कि अंग्रेजी के अक्षर 'यू' आकार की यह रेखा उसके दावों को प्रदर्शित करती है जो कि तेल की अधिकता वाले क्षेत्रों सहित वैश्विक कारोबार के लिए महत्वपूर्ण और प्राकृतिक संसाधनों से प्रचुर दक्षिण चीन सागर (एससीएस) की कम से कम 90 प्रतिशत क्षेत्र पर दावा पेश करती है।
उल्लेखनीय है कि दक्षिणी चीन सागर को लेकर भारी विवाद है। खासतौर पर फिलीपींस से उसका गहरा विवाद है। तमाम विवादों के बावजूद चीन यहां पर लगातार अपनी मौजूदगी बनाए हुए है और उसने यहां कृत्रिम बंदरगाह तक बना लिया है। चीन लगभग समूचे दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा जताता रहा है। वियतनाम, फिलीपीन्स, मलेशिया, ब्रुनेई और ताइवान भी इस पर अपना दावा करते हैं। (वार्ता)