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स्पेन की सरकार और संसद में महिलाओं के लिए बराबरी का कोटा

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राम यादव

स्पेन में सरकार और संसद में महिलाओं और पुरुषों की एक समान संख्या हुआ करेगी। प्रधानमंत्री पेद्रो सांचेज़़ ने इसके लिए एक नए कानून की घोषणा की है। कंपनियों आदि के लिए भी इसी तरह का एक नया क़ानून बनेगा। 
स्पेन के प्रधान मंत्री पेद्रो सांचेज़़ राजनीति और प्रशासन के साथ-साथ संघों-संस्थाओं और बड़ी-बड़ी कंपनियों के प्रभावशाली पदों पर महिलाओं और पुरुषों की संख्या में बराबरी का कानून चाहते हैं।

सांचेज़ ने मैड्रिड में अपनी पार्टी की एक बैठक के दौरान कहा, "अगर महिलाएं समाज का आधा हिस्सा हैं, तो वे आधी राजनीतिक और आर्थिक शक्ति की भी आधिकारी हैं।" भविष्य में, सरकार और संसद का गठन महिलाओं और पुरुषों की एकसमान संख्या के आधार पर होना चाहिए। 
 
उल्लेखनीय है कि स्पेन की वर्तमान सरकार में महिला मंत्रियों का अनुपात पहले से ही 64 प्रतिशत और पुरुष मंत्रियों का 36 प्रतिशत है। हां, संसद के दोनों सदनों में महिला सांसदों का संख्या बल 50 प्रतिशत से कम है। वर्तमान में, संसद के ऊपरी सदन में महिला सांसदों का अनुपात 39 प्रतिशत है और निचले सदन में 44 प्रतिशत। आर्थिक क्षेत्र के बारे में वर्तमान कानून का कहना है कि 250 से अधिक कर्मचारी और शेयर बाज़ार में सूचीबद्ध होने पर, कम से कम 5 करोड़ यूरो वार्षिक का कारोबार करने वाली कंपनियों के प्रबंधन का 40 प्रतिशत प्रतिनिधित्व, महिलाओं के हाथ में होना अनिवार्य है।
 
2023 स्पेन में चुनाव वर्ष है : स्पेन में इस साल स्थानीय और क्षेत्रीय चुनाव होने हैं। साल के अंत में संसदीय चुनाव भी होंगे। प्रधानमंत्री सांचेज़ की वर्तमान सरकार उनकी अपनी समाजवादी पार्टी PSOE, और उससे भी अधिक वामपंथी विचारधारा वाली पार्टी 'उनिदास पोदेमोस' की एक गठबंधन सकार है। 2023 चुनावी वर्ष होने के कारण इस समय इन दोनों पार्टियों के बीच जनता को लुभाने एवं अपने लिए अधिक से अधिक जनसमर्थन जुटाने की एक अप्रत्यक्ष होड़ भी चल रही है। लगे हाथ यौन-अपराधों संबंधी एक नए क़ानून की भी आड़ ली जा रही है।  
 
यौन-अपराधियों को सज़ा देना आसान बनाने और महिलाओं को बेहतर सुरक्षा देने के लिए पिछले वर्ष स्पेन में एक नया क़ानून लागू हु्आ था, जिसे 'केवल हां का मतलब है हां" क़ानून कहा जा रहा है। 'हां का मतलब हां' से तात्पर्य है कि प्रणयनिवेदन या शारीरिक निकटता के लिए जब कोई महिला अपनी तरफ़ से स्पष्ट रूप से हां कहे, तभी उसके साथ निकटता हो सकती है; निकटता का हर प्रयास अन्यथा अपराध माना जाएगा। 
 
सही क़ानून का ग़लत परिणाम : लेकिन हुआ यह कि पिछले महीनों में इस क़ानून का परिणाम उल्टी दिशा में जाता दिखा।   अदालतों ने पिछले क़ानून की तुलना में 720 से अधिक मामलों में कम सख्ती का परिचय दिया और 74 यौन-अपराधियों को तो समय से पहले ही रिहाई मिल गई। अपने साथ यौन दुराचार की शिकायत करने वाली महिलाएं अपने आरोप या तो विश्वसनीय ढंग से साबित नहीं कर पाईं या वे झूठे थे। प्रधानमंत्री सांचेज़ की अपनी पार्टी PSOE और गठबंधन की दूसरी पार्टी 'उनिदास पोदेमोस' के बीच इस बात पर अभी तक सहमति नहीं बन पाई है कि नेकनीयती वाले इस नये यौन-अपराध कानून को कैसे ठीक किया जाना चाहिए। 
 
स्पेनी महिलाओं द्वारा लैंगिक समनता और समान अधिकारों का आग्रह पहले से ही बहुत प्रबल रहा है। कोरोनावायरस वाली महामारी के आने से पहले अंतरराष्ट्रीय महिला दिवसों पर इन मांगों के समर्थन में उनके प्रदर्शन विश्व में सबसे बड़े प्रदर्शन हुआ करते थे। 50-50 लाख तक महिलाओं और पुरुषो का भी इन प्रदर्शनों में शामिल होना आम बात होती थी। स्पेनी महिलाएं अपनी प्रशंसा से अधिक अपने प्रति सम्मान की अभिलाषी हैं।
 
महिलाओं के प्रदर्शनों में नेतागण भी शामिल होते हैं : प्रधानमंत्री सांचेस जैसे बड़े-बड़े नेता भी इन प्रदर्शनों में न केवल शामिल होते हैं, बल्कि सबसे अगली पांत में चलते दिखते हैं। 2018 के एक ऐसे ही प्रदर्शन के दैरान प्रधानमंत्री सांचेज़ ने कहा, ''हम इस समय स्पेनी समाज के एक ऐसे ऐतिहासिक अध्याय के समक्ष खड़े हैं, जिसकी अगुवाई देश की महिलाओं और पुरुषों को एक साथ लाने वाली महिलाएं कर रही हैं। प्रश्न सामाजिक न्याय का है।'' 
 
स्पेन की सरकार में नारी समानता का एक अलग मंत्रालय है। पोदोमोस पार्टी की इरेने मोन्तेरो नारी समानता मंत्री हैं। 'केवल हां का मतलब है हां' क़ानून उन्हीं की देन है। 8 मार्च 2022 वाले अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उलक्ष्य में राजधानी मैड्रिड में आयोजित एक समारोह में उन्होंने कहा, 'हमारी सरकार का एजेन्डा है, लैंगिक हिंसा के हर स्वरूप से लड़ना और उसे मिटा देना, तकि सभी महिलाएं बिना किसी हिंसा के रह और ऐसे रिश्तों में जी सकें, जो पारस्परिक स्वीकृति और सदाचार से ओतप्रोत हों।'  
 
महिलाओं के साथ हिंसा का अलग अभियोक्ता : स्पेन में 2005 से एक ऐसा विशेष सरकारी अभियोक्ता और उसका कार्यालय होता है, जिसका काम ही यही है कि वह केवल लैंगिग हिंसा के मामलों को देखे। तब से वहां महिलाओं के साथ यौन हिंसा के कारण मृत्यु के मामलों में उल्लेखनीय कमी आई है। उदाहरण के लिए, 2021 में स्पेन में बलात्कार जैसी यौन हिंसाओं के कारण 44 महिलाओं को अपनी जान गंवानी पड़ी, जबकि जर्मनी में 140 से अधिक मौतें हुईं।
 
स्पेन की एक और उपलब्धि यह है कि वहां महिला व पुरुष जजों तथा महिला और पुरुष पुलिसकर्मियों को, उनके प्रशिक्षण काल में ही अलग से सिखाया जाता है कि यौन हिंसा की शिकार महिलाओं के साथ उन्हें कैसा व्यवहार करना चाहिए और कैसे उन्हें शिकायत आदि दर्ज करवाने के लिए प्रेरित करना चाहिए। 

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