मॉस्को। रूसी डबल एजेंट सर्गेई स्क्रीपल और उसकी बेटी पर लंदन में रासायनिक गैस हमले के बाद विश्व के अनेक देशों में रूसी राजनयिकों को निष्कासित किए जाने के बाद रूसी विदेश मंत्रालय ने ब्रिटिश सरकार को साफ तौर पर कह दिया है कि वह अपने 50 प्रतिशत से अधिक राजनयिकों तथा तकनीकी स्टाफ को तत्काल यहां से वापस बुलाए।
विदेश मंत्रालय ने ब्रिटेन से यह स्पष्टीकरण भी मांगा है कि लंदन में रूसी एयरलाइंस के यात्री विमान की जांच क्यों की गई थी और इस तरह की कार्रवाई का अधिकार उसके पास भी है। इसके अलावा रूसी नागरिकों को ब्रिटेन की यात्रा पर जाने से पहले सावधानी बरते जाने की सलाह देते हुए कहा गया कि वहां उनके साथ काफी बुरा बर्ताव हो सकता है।
गौरतलब है कि जासूस गैस प्रकरण के बाद पश्चिमी देशों ने रूस के 100 से अधिक राजनयिकों को निकाल दिया है। रूस का कहना है कि उसके डबल एजेंट पर जिस तरह का हमला किया गया है वह द्वितीय विश्व युद्ध के बाद की पहली घटना है जिसमें किसी पर इस तरह के रसायन का इस्तेमाल किया गया है। इस बीच रूस ने कहा है कि यह पश्चिमी देशों की साजिश है कि वे रूस को राजनयिक स्तर पर अलग थलग करना चाहते हैं।
विदेश मंत्रालय ने ब्रिटिश राजनयिक लॉरी ब्रिस्टो को समन कर स्पष्ट तौर पर कह दिया कि ब्रिटेन के पास यहां अपने स्टाफ में कटौती करने का एक माह का समय शेष है। इस पर प्रतिक्रिया करते हुए ब्रिटिश विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने कहा कि यह काफी हैरान करने वाली घटना है। (भाषा)