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आईएस की यौन गुलाम थी, बनी यूएन की सद्भावना दूत...

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, शनिवार, 17 सितम्बर 2016 (11:39 IST)
संयुक्त राष्ट्र। इस्लामिक स्टेट के आतंकियों की कैद में बलात्कार और प्रताड़नाएं झेलने के बाद वहां से बच निकलने में सफल रही एक इराकी युवती को मानव तस्करी के चंगुल से बचने वाले लोगों के सम्मान में संयुक्त राष्ट्र का सद्भावना दूत बनाया गया है।
 
नादिया मुराद बसी ताहा नामक 23 वर्षीय यजीदी युवती ने शुक्रवार को जिहादी समूह के पीड़ितों के लिए इंसाफ का आह्वान किया और कहा कि 2014 में यजीदी लोगों पर किए गए हमले को 'जनसंहार' करार दिया जाना चाहिए।
 
नादिया को इराक के उत्तरी शहर सिंजर के पास स्थित उनके गांव कोचो से अगस्त 2014 में उठाकर आईएस के नियंत्रण वाले मोसुल में ले आया गया था। वहां उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया गया और उसे कई बार खरीदा-बेचा गया।
 
नादिया ने संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय पर आयोजित एक समारोह में कहा कि वे जिस तरह चाहते थे, उस तरह से मेरा इस्तेमाल करते थे। मैं अकेली नहीं थी। 
 
उन्होंने कहा कि मैं शायद सौभाग्यशाली थी। समय बीतने के साथ मैंने भाग निकलने का रास्ता खोज लिया जबकि हजारों अन्य ऐसा नहीं कर पाईं। वे अब भी बंधक हैं। कांपती आवाज में नादिया ने उन लगभग 3,200 यजीदी महिलाओं और लड़कियों की रिहाई का आह्वान किया, जो अब भी आईएस के आतंकियों की यौन दासियों के रूप में कैद हैं।
 
नादिया ने यह भी आह्वान किया कि उन्हें बंदी बनाने वाले आतंकियों को न्याय के कटघरे में लाया जाए। (भाषा)

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