न्यूयॉर्क। भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी यहां आयोजित दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) देशों के मंत्रियों की बैठक के दौरान एक-दूसरे से मुलाकात करने से कतराते रहें।
दोनों देशों के नेताओं के बीच तीखी बयानबाजी के बाद यहां चल रही संयुक्त राष्ट्र महासभा से इतर दोनों विदेश मंत्रियों की प्रस्तावित बैठक रद्द होने के बाद दोनों नेताओं ने सार्क देशों के मंत्रियों की बैठक के दौरान भी एक-दूसरे को अनदेखा किया।
स्वराज ने गुरुवार देर शाम आयोजित सार्क की बैठक को संबोधित करते हुए आतंकवाद की चर्चा करते हुए पाकिस्तान पर इसे बढ़ावा देने का आरोप लगाया। इसके तुरंत बाद स्वराज ने कुरैशी के वक्तव्य का भी इंतजार नहीं किया और वे वहां से चली गईं।
इससे पहले स्वराज ने सदस्य देशों से संपर्क को मजबूत बनाकर व्यापार सुधार करने की अपील की। उन्होंने कहा कि दुनिया एकीकरण और संपर्क बढ़ाने के लिए आगे बढ़ रही है, जहां प्रत्येक गुजरने वाले दिन के साथ माल और लोगों का आवागमन आसान हो रहा है। सार्क को अपनी प्रतिबद्धताएं पूरी करने या जोखिम को पीछे छोड़ने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि दक्षिण एशिया में शांति के माहौल के बगैर क्षेत्रीय सहयोग संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद हमारे क्षेत्र में शांति और स्थिरता पर सबसे गंभीर खतरा है। यह आवश्यक है कि हम किसी भी भेदभाव के बिना, आतंकवाद के सभी रूपों को खत्म करें और इसके समर्थन के पारिस्थितिकी तंत्र को समाप्त करें। (वार्ता)