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कूड़ा जलाने से बदरंग हो रहा है 'ताजमहल'

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, रविवार, 16 अक्टूबर 2016 (17:56 IST)
वॉशिंगटन। एक भारतीय-अमेरिकी अनुसंधान दल ने पाया है कि ऐतिहासिक ताजमहल के पास शहर का ठोस कूड़ा जलाना इस विश्व धरोहर स्मारक को बदरंग करने में अहम भूमिका निभा रहा है। इस अनुसंधान में ताजमहल और इसके आसपास रहने वाले लोगों के स्वास्थ्य पर उपलों (कंडों) के जलाने और ठोस कूड़ा जलाने के असर की तुलना की गई।
नए उपायों के प्रयोग से मिनेसोटा विश्वविद्यालय के अजय नागपुरे और जॉर्जिया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के राज लाल सहित शोधकर्ताओं ने वैज्ञानिक सबूत दिए कि स्मारक के पास ठोस कूड़ा जलाना वायु प्रदूषक पार्टीकुलेट मैटर (पीएम) के नुकसानदेह स्तर में योगदान कर सकता है।
 
वैज्ञानिकों ने पाया कि खुले में ठोस कूड़ा जलाने से पीएम 2.5 का प्रतिवर्ष करीब 150 मिलीग्राम प्रति वर्गमीटर ताजमहल की सतह पर जमा होता है जबकि इसकी तुलना में उपले जलाने पर यह आंकड़ा 12 मिलीग्राम प्रति वर्गमीटर प्रतिवर्ष है।
 
शोधकर्ताओं ने यह भी कहा कि ये दोनों स्रोत मिलकर पीएम 2.5 से जुड़ी समय पूर्व मृत्यु दर के आकलन पर आधारित एक गंभीर स्वास्थ्य चिंता पेश करते हैं। (भाषा)

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