काबुल। अफगानिस्तान की सरकार को अपदस्थ करने के लिए लड़ रहे तालिबान के साथ रूस के संबंध से अफगानिस्तान तथा अमेरिका के अधिकारी चिंतित हैं। उन्हें आशंका है कि दोनों के बीच संबंध बढ़ने से पहले से ही चल रही अफगानिस्तान की सुरक्षा स्थिति और पेचीदा हो सकती है।
अफगानिस्तान के बड़े क्षेत्र में अफगान सुरक्षा बलों तथा तालिबान के बीच संघर्ष चल रहा है और इसमें काफी संख्या में लोग मारे जा चुके हैं। लड़ाई खत्म करने के लिए अभी तक तालिबान से सीमित संपर्क हो पाया है लेकिन काबुल के अधिकारियों का कहना है कि तालिबान को रूस के समर्थन से स्थिति और बिगड़ सकती है। रूस तथा तालिबान के बीच अभी तक का संपर्क राजनीतिक प्रतीत हो रहा है।
लेकिन तालिबान के नेताओं के हाल में मॉस्को तथा तजाकिस्तान में रूस के गुप्तचर तथा सैनिक अधिकारियों की कई भेंट ने काबुल के अधिकारियों में चिंता की भावना पैदा कर दी है। रूस तालिबान को हथियार तथा धन उपलब्ध करा सकता है जिससे लड़ाई और बढ़ सकती है।
अफगानिस्तान के एक वरिष्ठ अधिकारी ने तालिबान को रूस के समर्थन को खतरनाक संकेत बताया। अमेरिकी अधिकारी जॉन निकोल्सन ने इस मामले में अफगानिस्तान का समर्थन किया है। जॉन निकोल्सन ने पिछले सप्ताह वॉशिंगटन में बताया कि रूस के अफगानिस्तान के मामले में ईरान तथा पाकिस्तान से हाथ मिला लिया है।
उन्होंने यह भी कहा कि मॉस्को तालिबान को वैधता प्रदान कर रहा है। इसका अफगानिस्तान पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। रूस के विदेश विभाग ने बुधवार को मॉस्को में अमेरिका की इस आशंका को खारिज किया। (वार्ता)
भारत-अमेरिका भविष्य में होंगे रणनीतिक साझेदार : अमेरिकी रक्षामंत्री
वॉशिंगटन। भारत को एक 'उभरती सैन्य शक्ति' और एक 'बड़ा रक्षा साझेदार' बताते हुए अमेरिकी रक्षामंत्री एश्टन कार्टर ने कहा है कि भारत का भविष्य में अमेरिका का रणनीतिक साझेदार बनना तय है, क्योंकि दोनों देशों में कई चीजें मेल खाती हैं।
कार्टर ने बुधवार को जापान से नई दिल्ली आते समय अपने साथ मौजूद संवाददाताओं से कहा कि मेरा मानना है कि यह एक अहम पड़ाव है, क्योंकि मुझे यकीन है कि भारत और अमेरिका का भविष्य में रणनीतिक साझेदार बनना तय है। वह (भारत) एक बड़ा देश है, उभरती सैन्य शक्ति है और एक लोकतंत्र है जिसके साथ हमारे कई मूल्य और विश्व के प्रति हमारे रुख मेल खाते हैं।
उन्होंने कहा कि हमारे लोगों के बीच मेल-मिलाप बहुत मजबूत है। हम दोनों ही बहुसांस्कृतिक समाज होने के बावजूद बेहद एकजुट तरीके से रहते हैं। हम दोनों देशों में बहुत-सी चीजें मेल खाती हैं, रणनीतिक तौर पर भी और हमारे स्वरूप के तौर पर भी। (भाषा)