काबुल। अफगानिस्तान में जबरन कब्जा कर सरकार चला रहे तालिबान 20 साल पुराने रंग में आ चुका है। वह चाहे लाख बदलने के दावे करे, लेकिन उसकी सजाएं फिर शुरू कर दी हैं। क्या महिलाएं क्या बच्चे और क्या मर्द, एक-एक कर तालिबान सबके लिए नए-नए कानून बना रहा है। बर्बर सजाएं भी शुरू कर दी हैं।
इस नए कानून को जो भी मानने से इंकार कर रहा है, उसे बर्बर सजा दी जा रही है। महिलाओं को जमकर पीटा जा रहा है। महिलाओं पर सरेआम कोड़े बरसाए जा रहे हैं। तालिबानियों की ओर से महिलाओं को फांसी पर भी लटका दिया गया। इतना ही नहीं, पुरुषों और बच्चों के साथ अमानवीय व्यवहार किए जा रहे हैं। तालिबानियों की ओर से पुरुषों के लिए कई नए आदेश जारी किए गए हैं।
तालिबानियों की ओर से हजारा समुदाय के लोगों पर कहर बरपाया जा रहा है। इन लोगों को पश्तून जमींदारों के इशारे पर निशाना बनाया जा रहा है। हजारा समुदाय के लोगों से तालिबानियों की ओर से जमीनें छीनी जा रही हैं। यहां तक कि उनके खेत और घरों से भी बेदखल किया जा रहा है। तालिबान उगी हुई फसलों को लूट रहे हैं।