काबुल। तालिबान के लिए सिरदर्द बने पंजशीर इलाके पर कब्जे के लिए उसने मुहिम शुरू कर दी है। अमेरिकी सेना की वापसी के तत्काल बाद तालिबान ने पंजशीर घाटी में बड़ा हमला किया है। हालांकि अहमद मसूद के लड़ाके ने हमले को नाकाम कर दिया है।
नॉर्दन एलायंस के मुखिया रहे अहमद शाह मसूद के बेटे और पंजशीर में लड़ाकों की कमान संभाल रहे अहमद शाह मसूद के करीबी सूत्रों ने बताया कि तालिबान ने पंजशीर घाटी में उनकी एक चौकी पर बड़ा हमला किया है। हालांकि लड़ाकों ने तालिबान के इस हमले को विफल कर दिया है। बताया जा रहा है कि दोनों पक्षों के बीच अभी भी छिटपुट जंग जारी है। जानकारी के मुताबिक तालिबान का यह हमला जाबुल सिराज इलाके में हुआ है, जो परवान प्रांत का हिस्सा है।
दरअसल, पंजशीर ऐसा क्षेत्र इलाका है, जिस पर तालिबान अपना कब्जा नहीं जमा पाया है। बौखलाए तालिबान ने पंजशीर घाटी को चारों ओर से घेर रखा है और इंटरनेट को बंद कर दिया है ताकि अहमद मसूद के समर्थक दुनिया से संपर्क न कर सकें। पूर्व उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह भी यहीं डटे हुए हैं और यहीं से उन्होंने तालिबान के खिलाफ जंग का ऐलान कर रखा है।
उल्लेखनीय है कि 15 अगस्त को अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी के देश से भाग जाने के बाद, अमरुल्लाह सालेह ने देश के संविधान के अनुसार खुद को अफगानिस्तान का कार्यवाहक राष्ट्रपति घोषित कर दिया था। इसके बाद पंजशीर इलाके में चले गए और वहां पर नॉर्दन एलायंस के लड़ाकों का अहमद मसूद के साथ नेतृत्व कर रहे हैं।