Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

तालिबान ने चीन को बताया 'मित्र', उइगुर मुस्लिम चरमपंथियों को पनाह नहीं देने का किया वादा

हमें फॉलो करें तालिबान ने चीन को बताया 'मित्र', उइगुर मुस्लिम चरमपंथियों को पनाह नहीं देने का किया वादा
, शनिवार, 10 जुलाई 2021 (20:13 IST)
बीजिंग। तालिबान ने कहा है कि वह चीन को अफगानिस्तान के ‘मित्र’ के रूप में देखता है और बीजिंग को आश्वस्त किया कि वह अशांत शिंजियांग प्रांत के उइगुर इस्लामी चरमपंथियों को अपने यहां पनाह नहीं देगा। मीडिया में आई एक खबर में यह जानकारी दी गई है।

उइगुर इस्लामी चरमपंथी चीन सरकार के लिए चिंता का एक बड़ा कारण बन गए हैं। अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बीच तालिबान युद्धग्रस्त अफगानिस्तान में अधिक से अधिक क्षेत्र पर अपना नियंत्रण स्थापित करने की कोशिश कर रहा है।

वहीं, चीन को इस बात की चिंता भी सता रही है कि तालिबान के शासन में अफगानिस्तान ईस्ट तुर्किस्तान इस्लामिक मूवमेंट (ईटआईएम) का केंद्र बन जाएगा, जो एक अलगाववादी संगठन है और आतंकी संगठन अलकायदा से संबद्ध है। संसाधन बहुल शिंजियांग की करीब 80 किलोमीटर लंबी सीमा अफगानिस्तान से लगी हुई है।
ALSO READ: मसूरी और केंपटी फॉल में पर्यटकों के प्रवेश के लिए जारी नई SOP
हालांकि चीन की चिंताओं को तवज्जो नहीं देते हुए तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने कहा कि वे चीन को अफगानिस्तान के एक मित्र के रूप में देखते हैं और पुनर्निर्माण कार्य में यथाशीघ्र निवेश के लिए बीजिंग से बात करने की आशा करते हैं।
ALSO READ: जम्मू-कश्मीर में आतंकी-सरकारी कर्मचारियों के कनेक्शन का खुलासा, 11 बर्खास्त, सैयद सलाहुद्दीन के 2 बेटे भी शामिल
सुहैल ने कहा कि तालिबान चीन के उइगुर अलगाववादी लड़ाकों को देश में प्रवेश की अनुमति नहीं देगा। दरअसल, उनमें से कुछ ने पूर्व में अफगानिस्तान में शरण मांगी थी। प्रवक्ता ने कहा कि तालिबान अलकायदा या किसी अन्य आतंकी संगठन को वहां से संचालित होने से रोकेगा। सुहैल ने हांगकांग के अखबार ‘साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट’ से कहा, चीन के साथ हमारे अच्छे संबंध हैं।
ALSO READ: UP ब्लॉक प्रमुख चुनाव : BJP की बंपर जीत, कई जिलों में जमकर बवाल, पुलिस बनी रही मूकदर्शक
उल्लेखनीय है अफगानिस्तान में चीन बड़े पैमाने पर निवेश करने की सोच रहा है क्योंकि वहां अब तक दोहन नहीं किए गए तांबा, कोयला, लोहा, गैस, कोबाल्ट, पारा, सोना, लिथियम और थोरियम का विश्व का सबसे बड़ा भंडार है।(भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

ब्रिटेन : भारतीय मूल के उद्यमी प्रोफेसर के रूप में नियुक्त