मापुतो। विभिन्न देशों में आतंकी हमलों में आई तेजी के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि आतंकवाद दुनिया के समक्ष ‘सबसे बड़ा खतरा’ है जिससे समान रूप से भारत और मोजांबीक भी प्रभावित है, साथ ही दोनों देशों ने सुरक्षा और रक्षा सहयोग को मजबूत बनाने पर भी सहमति व्यक्त की।
मोजांबीक के राष्ट्रपति फिलिप न्यूसी के साथ मोदी की विविध विषयों पर व्यापक चर्चा के बाद दोनों देशों ने तीन समझौते पर हस्ताक्षर किए। इसमें से एक महत्वपूर्ण ‘दीर्घकालीन’ समझौते के तहत भारत इस देश से दाल खरीदेगा ताकि इसकी कमी को पूरा किया जा सके और कीमतों को नियंत्रित किया जा सके।
भारत को मोजांबीक का ‘विश्वस्त मित्र’ और ‘भरोसेमंद सहयोगी’ करार देते हुए प्रधानमंत्री ने यह घोषणा की कि अफ्रीकी देश में जन स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत बनाने के प्रयास के हिस्से के तौर पर एड्स के उपचार समेत अन्य आवश्यक दवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
भारत, मोजांबीक में सुरक्षा बलों की क्षमता के निर्माण में मदद करेगा। प्रधानमंत्री ने इस अफ्रीकी देश को विकास और प्रगति के मार्ग पर आगे बढ़ाने में सहयोग का संकल्प व्यक्त किया । उन्होंने कृषि, स्वास्थ्य सेवा, ऊर्जा, सुरक्षा, रक्षा और कौशल विकास को उन क्षेत्रों के रूप में पहचान की जिसमें दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ाने की क्षमता है।
मोजांबीक के राष्ट्रपति न्यूसी के साथ मोदी ने कहा कि हम अपने लोगों के फायदे के लिए विकास और आर्थिक प्रगति चाहते हैं। हम अपने लोगों की सुरक्षा चाहते हैं। दोनों नेताओं ने आपसी कारोबार और निवेश बढ़ाने और अन्य क्षेत्रों में सहयोग के विभिन्न आयामों पर चर्चा की।
चुनौतियों का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति न्यूसी और मैं आज आतंकवाद को दुनिया की सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा मानते हैं। मोजांबीक और भारत इसके अपवाद नहीं हैं । आतंकवाद समान रूप से भारत और मोजांबीक को प्रभावित करता है।
प्रधानमंत्री की यह टिप्पणी बांग्लादेश और सउदी अरब समेत दुनिया के विभिन्न हिस्सों में आतंकी हमलों की घटनाओं में हुई वृद्धि की पृष्ठिभूमि में सामने आई है। मोजांबिक में मोदी के संबोधन से कुछ ही घंटे पहले भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश में आज बड़ा आतंकी हमला हुआ।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आतंकवाद का नेटवर्क मादक पदाथरे की तस्करी समेत अन्य अपराधों से जुड़ा हुआ है और इस पर लगाम लगाने के लिए भारत और मोजांबिक ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किया है। प्रधानमंत्री ने नौवहन क्षेत्र समेत अन्य क्षेत्रों में उभरती हुई सुरक्षा चुनौतियों पर चर्चा की और कहा कि दोनों देश सुरक्षा और रक्षा सहयोग बढ़ाएंगे।
मोदी ने कहा कि भारत, मोजांबीक के सुरक्षा बलों की क्षमता निर्माण में मदद करेगा और प्रशिक्षण एवं उपकरण मुहैया कराएगा। प्रधानमंत्री चार अफ्रीकी देशों की पांच दिवसीय यात्रा के पहले चरण में आज सुबह मोजांबीक पहुंचे।
उन्होंने कहा कि हम मोजांबीक के रक्षा बलों, संस्थाओं के क्षमता उन्नयन, कर्मियों के प्रशिक्षण और उपकरणों की आपूर्ति के साथ अन्य उभरती जरूरतों को पूरा करेंगे। भारत और मोजांबीक के हिन्द महासागर से जुड़े होने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि समुद्रों में कई आर्थिक अवसर हैं लेकिन हम नौवहन क्षेत्र में उभरती सामरिक और सुरक्षा चुनौतियों से भी अवगत हैं। ’’
मोदी ने कहा कि हमारा सहयोग हमारी साझा क्षमताओं और हितों से संचालित है.. मोजांबीक की ताकत भारत की जरूरत है और मोजांबीक की जरूरत की पूर्ति भारत कर सकता है । हम एक दूसरे के पूरक हैं। राष्ट्रपति न्यूसी ने मोदी के सम्मान में भोज भी दिया । मोदी ने कहा कि भारत अपने अनुभव और प्रौद्योगिकी, क्षमताओं को मोजांबीक के साथ साझा करने को तैयार है ।
भारत और मोजांबीक के दूसरे विकासशील देशों के समान ही चुनौतियों का सामना करने का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि हम आपके विकास में भरोसेमंद मित्र होंगे। हमारे लोगों के उज्जवल और सुरक्षित भविष्य के लिए भरोसेमंद सहयोगी होंगे। प्रधानमंत्री ने कृषि, स्वास्थ्य सेवा, उर्जा सुरक्षा, सुरक्षा, रक्षा और कौशल विकास जैसे क्षेत्रों की पहचान की जिन क्षेत्रों में सहयोग की संभावनाएं हैं।
कृषि क्षेत्र का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि न्यूसी ने कृषि के विकास को उनकी शीर्ष प्राथमिकता बताया है और दोनों देशों के विशेषज्ञ इस बात पर चर्चा करेंगे कि किस प्रकार से मिलकर मोजांबीक में कृषि आधारभूत संरचना और उत्पादकता को बेहतर बनाया जा सकता है। आज हमने इसे तेज गति से आगे बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की।
उन्होंने कहा कि भारत, मोजांबीक से दाल खरीदने को प्रतिबद्ध है। इस बारे में दोनों देशों के बीच एक दीर्घकालीन समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। हम खाद्य सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग को मजबूत बना रहे हैं।’’ दाल खरीदने की प्रतिबद्धता के बारे में उन्होंने कहा कि इससे भारत की दाल की जरूरतों को पूरा किया जा सकेगा और मोजांबीक के किसानों की आय बढ़ेगी। (भाषा)