रूस और यूक्रेन में हो रहे भयानक युद्ध को लेकर पूरी दुनिया में दहशत है। लोग इस युद्ध का पल पल का अपडेट ले रहे हैं। दुनिया में कोई ऐसा शख्स नहीं होगा जिसे इस भयानक युद्ध के बारे में पता नहीं होगा।
लेकिन आपको बता दें कि दुनिया में 6 लोग ऐसे भी हैं, जिन्हें रूस और यूक्रेन के इस युद्ध के बारे में कोई जानकारी नहीं है। यहां तक कि दुनिया के बाकी हिस्सों में क्या हो रहा है, इसकी भी उन्हें कोई जानकारी नहीं है।
दरअसल ये 6 लोग एक स्पेस एक्सपेरिमेंट मिशन का हिस्सा हैं। रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध के बाद इस बात की आशंका बढ़ गई है कि दो देशों की ये जंग परमाणु युद्ध (Nuclear War) या तीसरे विश्व युद्ध में बदल सकती है।
लेकिन छह लोग जो एक स्पेस (Space) एक्सपेरिमेंट का हिस्सा हैं, उन्हें इस बात की जरा भी जानकारी नहीं है।
ये सभी एक स्पेस मिशन के तहत नवंबर में एक कैप्सूल में बंद हो गए थे और जुलाई तक बाहर नहीं आएंगे।
इनमें 36 साल के अमेरिकी नागरिक विलियम ब्राउन और 32 साल एश्ले कोवास्की हैं। इनके अलावा रूसी नागरिक ओलेग ब्लिनोव, विक्टोरिया किरिचेंको और कटरीना करियाकिना भी कैप्सूल में बंद हैं। इन लोगों के साथ संयुक्त अरब अमीरात के सालेह अल अमेरी भी हैं।
ये लोग इस दुनिया से केवल चिट्ठियों के जरिए बात कर रहे हैं। जिन्हें एक सुरक्षित सर्वर के माध्यम से भेजा जाता है। डेली मेल की रिपोर्ट के अनुसार, ब्राउन के दोस्तों ने आखिरी बार उनके 24 फरवरी को बात की थी। यानी युद्ध शुरू होने से कुछ समय पहले।
उनके दोस्त नाथन क्रेन पेशे से एक फोटोग्राफर हैं। उनका कहना है, ब्राउन के साथ बीते हफ्ते इस बारे में बातचीत हुई थी और उन्हें पता था कि ऐसा (युद्ध) कुछ हो सकता है। लेकिन मुझे नहीं पता इस समय वो मामले के बारे में कितना जानते हैं। बीते हफ्ते की चिट्ठी के बाद से मेरी उनसे बात नहीं हुई है
बता दें ये स्पेस एक्सपेरिमेंट अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का एक स्पेस प्रोग्राम है। नासा इस समय खुद को राजनीति से दूर रखे हुए है। उसने हाल ही में कहा था कि युद्ध के कारण स्पेस से जुड़े किसी भी प्रोग्राम पर कोई असर नहीं आएगा।
ये सभी छह लोग एक कैप्सूल में बंद हैं। जो मास्को के बाहरी इलाके में सोवियत संघ के समय की इमारत में है।
इस एक्सपेरिमेंट का उद्देश्य लंबी अंतरिक्ष यात्रा की स्थितियों का प्रशिक्षण करना है। मानसिक और शारीरिक चुनौतियों पर ये लोग कैसी प्रतिक्रिया करते हैं, इसका परीक्षण करने के लिए समूह को रोजाना जांच करानी होती है।
ऐसा माना जा रहा है कि इन्हें इस बात की कोई खबर नहीं है कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक हफ्ते पहले यूक्रेन पर हमला करने का आदेश दिया है।