टिक-टॉक एप के विरोध को लेकर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अब यू-टर्न ले लिया है।
दरसअल राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने टेक कंपनी माइक्रोसॉफ़्ट के चीनी ऐप टिक-टॉक को ख़रीदने को लेकर अपना विरोध जताया था।
हालांकि उन्होंने अब कहा है कि अमेरिका सरकार को इस सौदे का एक अच्छा हिस्सा दिया जाना चाहिए। इसके पहले डोनाल्ड ट्रंप ने चीनी ऐप टिक-टॉक पर प्रतिबंध लगाने की चेतावनी दी थी।
कहा जा रहा है कि माइक्रोसॉफ्ट के चीफ़ एक्जीक्यूटिव अधिकारी सत्या नडेला से राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की चर्चा के बाद उन्होंने इस पर विचार किया है। पिछले रविवार को यह चर्चा हुई है। कंपनी ने इस बात पर ज़ोर दिया है कि वो राष्ट्रपति ट्रंप की सुरक्षा संबंधी चिंताओं को महत्व देने की पूरी तरह से सराहना करता है।
कंपनी की तरफ से कहा गया है कि वो ऐप की सुरक्षा को लेकर पूरा रिव्यू करेंगे। माइक्रोसॉफ्ट ने अपने एक ब्लॉग में कहा है कि वो अमरीकी सरकार को इस सौदे से देश को होने वाले फायदे के बारे में भी विस्तार से बताएगी।
कंपनी का यह भी कहना है कि वो दूसरे अमेरिकी निवेशकों को भी इसमें निवेश करने के लिए आमंत्रित कर सकती है।
अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने मीडिया को कहा कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी से जुड़े सॉफ्टवेयर की वजह से राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा है, जिसे लेकर सरकार कदम उठाएगी। इसमें टिक-टॉक भी शामिल है।
इससे पहले भारत में मोदी सरकार ने भी इसी तरह की चिंता जताते हुए पिछले महीने चीन के दर्जनों ऐप्स पर पाबंदी लगा दी थी जिनमें टिक टॉक भी शामिल था। बता दें कि पूरी दुनिया में टिक-टॉक के 50 करोड़ और अमरीका में करीब आठ करोड़ यूजर्स हैं।