कैनबरा। ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री ने शुक्रवार को इस बात की पुष्टि की है कि उनके पूर्ववर्ती टोनी एबॉट एक बार इतने नशे में थे कि वे संसद में वोट भी नहीं डाल पाए थे। यह एक ऐसी घटना है जिसे 8 साल तक राजनीति के गलियारों में बेहद खराब ढंग से छिपाकर रखा गया।
प्रधानमंत्री मेल्कम टर्नबुल ने मेलबोर्न रेडियो 3एडब्ल्यू को बताया कि 2009 में वे विपक्ष के नेता था तब एबॉट अत्यधिक नशे में होने के कारण आर्थिक प्रोत्साहन खर्च को व्यापक पैमाने पर बढ़ाने वाले सरकार के विधेयक के खिलाफ वोट डालने में असमर्थ थे। एबॉट 2009 में टर्नबुल को हटाकर कंजर्वेटिव लिबरल पार्टी के नेता बने थे और प्रधानमंत्री बने थे।
एबॉट के नशे में धुत होने वाले इसे किस्से के बारे में बताते हुए टर्नबुल ने मेलबोर्न रेडियो 3एडब्ल्यू से कहा कि मैं बहुत निराश हुआ था, लेकिन आपको इन चीजों से आगे बढ़ना होता है।
उन्होंने आगे कहा कि मुझे और कोई भी व्यक्ति याद नहीं है, जो इसलिए मतदान नहीं कर पाया हो, क्योंकि नशे में होने के कारण वह चेंबर में प्रवेश करने के काबिल ही नहीं था। टर्नबुल ने यह सच्चाई एबॉट के उस टीवी साक्षात्कार के बाद बताई जिसमें मीडिया ने उनके अंतत: सच कबूलने की खबर बताई थी। इसका प्रसारण 5 सितंबर को किया जाएगा।
टर्नबुल ने बताया कि सभी सांसदों का वोट डालना अब बेहद जरूरी हो गया है, क्योंकि सतारूढ़ गठबंधन सरकार के पास हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में मात्र 1 सीट ज्यादा है, जहां सरकार बनाने के लिए पार्टियों को बहुमत की जरूरत होती है। ऑस्ट्रेलिया के समलैंगिक विवाह विवाद में टर्नबुल और एबॉट अब एक-दूसरे के खिलाफ खड़े हैं। (भाषा)