वाशिंगटन। विश्व के दो प्रमुख शीर्ष नेता अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन अगले सप्ताह जर्मनी में जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान पहली बार एक-दूसरे के आमने-सामने होंगे।
क्रेमलिन और व्हाइट हाउस दोनों ने ही इस आशय की घोषणा की कि ट्रंप और पुतिन हम्बर्ग में जी-20 राष्ट्रों के सात और आठ जुलाई के शिखर सम्मेलन के इतर मुलाकात करेंगें।
अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एच आर मैकमास्टर ने कहा कि बैठक के लिए अभी तक कोई भी एजेंडा तैयार नहीं किया गया है। हालांकि बैठक ट्रंप के लिए कठिनाइयों से भरी है।
आरोप है कि रूस ने पिछले साल अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में हस्तक्षेप किया था और रिपब्लिकन के अभियान में मदद कर ट्रंप की अप्रत्याशित जीत में मदद की थी।
रूस और अमेरिका यूक्रेन, नाटो के विस्तार और सीरिया में गृहयुद्ध मसलों पर भी आमने-सामने हैं। रूस जहां सीरिया के राष्ट्रपति बाशर अल असद का समर्थन करता है वहीं अमेरिका असद को हटाने के लिए संघर्षरत विद्रोही समूहों को समर्थन देता है।
गत अप्रैल में एक सीरियाई सरकारी हवाई अड्डे पर रूस के हमले से भी अमेरिका नाराज है क्योंकि उसके मुताबिक यह एक रासायनिक हमला था जिसमें दर्जनों नागरिक मारे गए थे।
ट्रंप को अक्सर रूस के साथ बेहतर संबंधों के लिए जाना जाता है लेकिन उनके अपने रिपब्लिकन पार्टी के सांसदों ने रूस से सावधान रहने का आग्रह किया है।
मैकमास्टर ने कहा, 'जैसा कि राष्ट्रपति ने स्पष्ट किया है कि वह अमेरिका और पूरे पश्चिम का रूस के साथ अधिक रचनात्मक संबंध बनाना चाहते हैं। लेकिन उन्होंने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि हम रूस के अस्थिर व्यवहार का सामना करने के लिए जो भी आवश्यक होगा वह करेंगें।' (भाषा)