पूर्वी यूरोप में शीत युद्ध का भय शुक्रवार को उस समय फिर बढ़ गया, जब रूसी सैन्य बलों ने यूक्रेन के निकट सैन्य अभ्यास किया और अमेरिका ने यूक्रेन पर रूसी हमले की आशंका को लेकर अपनी चेतावनियों को बढ़ा दिया।
ऐसे में अब चर्चा हो रही है कि क्या रूस यूक्रेन पर हमला कर सकता है। अगर ऐसा होता है तो पुतिन का क्या प्लान होगा।
इधर वाइट हाउस ने कहा है कि वह अब भी यह नहीं जानता कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने हमले का फैसला कर लिया है या नहीं, लेकिन उन्होंने कहा कि पुतिन ने ऐसा करने के लिए आवश्यक सभी साधन एकत्र कर लिए हैं।
अमेरिका कीव में अपने दूतावास खाली करने की तैयारी कर रहा है और उसने यूक्रेन में रह रहे अमेरिकियों से आगामी 48 घंटे में देश छोड़ देने को कहा है।
विशलेषकों का मानना है कि 20 फरवरी को चीन में चल रहे शीतकालीन ओलंपिक समाप्त होने तक हमले की आशंका नहीं है। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने यूक्रेन में रह रहे सभी अमेरिकी नागरिकों को सचेत किया था कि वे जल्द से जल्द वहां से निकल जाएं। उन्होंने कहा कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन यू्क्रेन पर हमले का आदेश कभी भी दे सकते हैं।
अमेरिका को खुफिया जानकारी मिली है कि रूस ने लक्षित तारीख के रूप में बुधवार का दिन तय किया है। पेंटागन ने शुक्रवार को घोषणा की कि अमेरिका नाटो (उत्तर अटलांटिक संधि संगठन) सहयोगियों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दर्शाने और यूक्रेन पर रूस के हमले की आशंका के मद्देनजर पोलैंड में पहले से मौजूद 1,700 सैनिकों के अलावा, वहां 3,000 अतिरिक्त सैनिकों को भेज रहा है। वाइट हाउस ने कहा कि बाइडन और पुतिन संकट को लेकर शनिवार को फोन पर वार्ता करेंगे।
रोमानिया के कॉन्स्टांटा स्थित काला सागर बंदरगाह में अमेरिका भारी सैन्य सामग्री तैनात कर रहा है, जो इस बात का संकेत है कि अमेरिका वहां सैन्य मौजूदगी बढ़ा रहा है तथा 1,000 और सैनिक वहां एयरबेस में पहुंच रहे हैं।
सामरिक रूप से महत्वपूर्ण काले सागर में रूस, यूक्रन और तीन नाटो सहयोगियों के सैन्य बेस हैं। नाटो महासचिव जेन्य स्टोलटेनबर्ग ने कॉन्स्टांटा में कहा, ''यहां काला सागर क्षेत्र के लेकर बाल्टिक तक सहयोगी इस अहम समय में नाटो की मौजूदगी बढ़ा रहे हैं।''