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यूक्रेन सीमा के पास 1,50,000 से ज्यादा रूसी सैनिक तैनात, यूक्रेन के कमांडर-इन-चीफ ने दिया बड़ा बयान...

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, शुक्रवार, 18 फ़रवरी 2022 (08:58 IST)
संयुक्त राष्ट्र। रूस और यूक्रेन के बीच तनाव चरम पर पहुंच चुका है। पिछले कई दिनों से यूक्रेन और डोनेट्स्क तथा लुहान्स्क सीमा पर माहौल तनावपूर्ण है और दोनों पक्ष एक दूसरे पर गोलीबारी का आरोप लगा रहे हैं।
 
इस बीच अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को बताया कि उसकी जानकारी स्पष्ट रूप से इंगित करती है कि यूक्रेन की सीमाओं के पास जमा 1,50,000 से अधिक रूसी सैनिक ‘आने वाले दिनों में’ यूक्रेन पर हमला करने की तैयारी कर रहे हैं। अमेरिका ने साथ ही यह भी कहा कि रूस की योजना हमले के लिए ‘एक बहाना गढ़ने की’ है।
 
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा, ‘जब हम आज बैठक कर रहे हैं, शांति और सुरक्षा के लिए सबसे तात्कालिक खतरा यूक्रेन के खिलाफ रूस की बढ़ती आक्रामकता है।’
 
रूस से बातचीत के लिए यूक्रेन तैयार : दोनों ही देशों ने एक दूसरे पर गोलीबारी करने के आरोप लगाए। इस बीच संयुक्त राष्ट्र में यूक्रेन के राजदूत सर्गेई किस्लित्स्या ने कहा कि यूक्रेन रूस के साथ बातचीत के लिए हमेशा तैयार है।
 
किस्लित्स्या ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने उन्हें संयुक्त राष्ट्र में रूस के राजदूत वसीली नेबेंजिया के साथ बैठने करने के लिए कहा था। नेबेंजिया के कोरोना संक्रमित होने के कारण दोनों राजनयिकों के बीच अभी तक बातचीत नहीं हो पाई है।
 
हमले की योजना नहीं : यूक्रेन के कमांडर-इन-चीफ वेलेरी जालुज्नी ने कहा कि सशस्त्र बलों डोनबास के संघर्षग्रस्त पूर्वी क्षेत्र में हमले की योजना नहीं है। 
 
जालुज्नी ने गुरुवार देर रात रक्षा मंत्रालय के हवाले से कहा ‍कि हम आधिकारिक तौर पर घोषणा कर रहे हैं कि यूक्रेन के सशस्त्र बल पूरी तरह से मिन्स्क समझौतों और अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का पालन कर रहे हैं और किसी भी आक्रामक अभियान या नागरिकों को गोलाबारी करने की योजना नहीं बना रहे हैं। हमारे कार्रवाई केवल रक्षात्मक हैं।
 
उल्लेखनीय है कि कीव ने 2014 में डोनेट्स्क और लुहान्स्क के स्व-घोषित गणराज्य के खिलाफ सैन्य अभियान शुरू किया था जब उन्होंने यूक्रेन की नई सरकार को मान्यता देने से इनकार करते हुए देश से स्वतंत्रता की घोषणा कर दी थी। रूस, यूक्रेन, फ्रांस और जर्मनी के नेताओं की मध्यस्थता और एक वर्ष तक चली बातचीत के बाद मिन्स्क में युद्धविराम समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे।

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