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तेज हुआ टैरिफ वार, UN प्रमुख गुतारेस की चेतावनी, सभी को नुकसान होगा

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतारेस बोले, जब देश व्यापार युद्ध करेंगे तो सभी को नुकसान होगा।

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वेबदुनिया न्यूज डेस्क

, गुरुवार, 13 मार्च 2025 (11:06 IST)
Tariff war news in hindi : संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतारेस ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन द्वारा कथित तौर पर शुरू किए गए व्यापार युद्ध की पृष्ठभूमि में चेतावनी दी है कि जब देश व्यापार युद्ध करेंगे तो सभी को नुकसान होगा। ALSO READ: ट्रंप ने खरीदी टेस्ला कार, कहा मस्क को देशभक्त होने के लिए सजा नहीं दी जा सकती
 
गुतारेस ने कहा कि मेरा मानना है कि हम एक वैश्विक अर्थव्यवस्था में रह रहे हैं जहां सब कुछ आपस में जुड़ा हुआ है और जाहिर है, मुक्त व्यापार की स्थिति का एक बड़ा फायदा यह है कि इससे सभी देशों को लाभ होने की स्थिति बनती है। जब हम व्यापार युद्ध में उतरते हैं तो मेरा मानना ​​है कि इसमें सभी को नुकसान होगा।
 
उन्होंने बढ़ते वैश्विक व्यापार युद्ध पर एक सवाल के जवाब में यह बात कही। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस में अपने दूसरे कार्यकाल में कहा है कि अमेरिका उन देशों पर जवाबी शुल्क लगाएगा जो अमेरिकी वस्तुओं पर उच्च शुल्क लगाते हैं।
 
इस्पात और एल्युमीनियम पर ट्रंप प्रशासन द्वारा लगाए गए वैश्विक शुल्क लागू हो गए हैं, जिसके बाद यूरोपीय संघ (ईयू) और कनाडा ने भी अमेरिकी उत्पादों पर शुल्क लगाने की घोषणा की है।

ट्रंप प्रशासन ने कनाडा, मेक्सिको और चीन से आयात होनी वाली वस्तुओं पर भी शुल्क लगाने की घोषणा की है। जवाबी कार्रवाई में इन देशों ने भी अमेरिका से आयातित वस्तुओं पर शुल्क लगाने की घोषणा की है।
 
इन वस्तुओं पर जवाबी शुल्क : अमेरिका को इस्पात और एल्युमीनियम के सबसे बड़े आपूर्तिकर्ता कनाडा ने बुधवार को कहा कि वह इस्पात उत्पादों पर 25 प्रतिशत जवाबी शुल्क लगाएगा तथा उपकरण, कंप्यूटर और सर्वर, डिस्प्ले मॉनिटर, खेल उपकरण और कच्चा लोहा उत्पाद जैसे कई वस्तुओं पर कर बढ़ाएगा। अटलांटिक महासागर के पार, यूरोपीय संघ (ईयू) अमेरिकी बीफ, मुर्गी पालन, बॉर्बन और मोटरसाइकिल, मूंगफली के मक्खन और जींस पर शुल्क बढ़ाएगा।
 
उपभोक्ताओं का नुकसान : नए शुल्क से कंपनियों को अरबों डॉलर का नुकसान होगा और दुनिया की दो प्रमुख व्यापार साझेदारियों में अनिश्चितता और बढ़ेगी। कंपनियां या तो नुकसान उठाएंगी और कम मुनाफ़ा कमाएंगी, या, ज़्यादा संभावना है कि वे लागत को उच्च कीमतों के रूप में उपभोक्ताओं पर डाल देंगी।
edited by : Nrapendra Gupta

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