Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा, बाइडन बोले-सही था सैनिकों को हटाने का फैसला

हमें फॉलो करें अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा, बाइडन बोले-सही था सैनिकों को हटाने का फैसला
, मंगलवार, 17 अगस्त 2021 (07:29 IST)
मुख्‍य बिंदु
  • अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन का बड़ा बयान
  • अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना हटने का फैसला सही
  • अफगानिस्तान में लोकतंत्र की स्थापना नहीं करने गई थी अमेरिकी सेना
  • संकट के समय देश छोड़कर क्यों भाग गए अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी
वाशिंगटन। अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति जो बिडेन ने व्हाइट हाउस से राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा कि अफगानिस्तान से सैनिकों को हटाने का फैसला सही था। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में संकट समय वहां के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने कोई फैसला क्यों नहीं लिया, वह क्यों देश छोड़कर भाग गए, यह सवाल उनसे पूछा जाना चाहिए।
 
बिडेन ने अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे को लेकर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए दुनिया के सामने अपनी बात रखते हुए कहा कि अमेरिकी मिशन वहां राष्ट्र निर्माण के लिए नहीं गया था। उन्होंने अमेरिकी सैनिकों को वापस बुलाने के फैसले की आलोचना को खारिज करते हुए कहा कि उनका फैसला सही था। अमेरिकी मिशन का एकमात्र उद्देश्य अमेरिका में आतंकवादी हमले को रोकना था।
 
उन्होंने अफगानिस्तान से सेना को वापस बुलाए जाने के फैसले को सही ठहराते हुए कहा कि हमारी सेना लगातार लड़ने का जोखिम नहीं उठा सकती है। उन्होंने कहा कि अमेरिका के कई सैनिकों के परिवार ने अपनों को खोया है।
 
webdunia
उन्होंने सीरिया, इराक और अफ्रीका में आईएस की मौजूदगी का हवाला देते हुए कहा कि ये ऐसे खतरे हैं जिन पर ध्यान देने की जरूरत है।
 
उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान के भविष्य के लिए हमें यह करना ही था। लेकिन वहां हालात तेजी से बदले और किसी को कुछ भी करने का मौका नहीं मिला।
 
अमेरिकी राष्‍ट्रपति ने स्पष्‍ट कहा कि अमेरिकी सेना अफगानिस्तान में लोकतंत्र की स्थापना नहीं करने गई थी, वहां की जमीन का आतंकवाद के लिए इस्तेमाल ना हो इसलिए 20 वर्षो तक सेना वहां रही।

20 वर्षो तक हमारे सैनिकों ने अफगानिस्तान की स्थिति को संभाला, हमें हमारे नागरिकों की चिंता है। उन्होंने तालिबान को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर अमेरिकी नागरिकों को नुकसान पहुंचाया गया तो हम मुंहतोड़ जवाब देंगे।
 
webdunia
उन्होंने कहा कि हमने कई देशों में आतंकवादी समूहों के खिलाफ प्रभावी आतंकवाद विरोधी अभियान चलाए है जहां हमारी स्थायी सैन्य उपस्थिति नहीं थी अगर जरूरत पड़ी तो हम अफगानिस्तान में भी ऐसा ही करेंगे।
 
उन्होंने कहा कि देखा गया है कि लोग तालिबान के सत्ता में आने के बाद देश से भागने का प्रयास कर रहे हैं। वह अफगानिस्तान के इस घटनाक्रम से दुखी हैं। उन्हें अपने फैसले को लेकर कोई पछतावा नहीं है।
 
अफगान नागरिकों को अकेला नहीं छोड़ेंगे : फ्रांस के राष्ट्रपति एमेनुअल मैक्रों ने सोमवार को वादा किया कि फ्रांस उन अफगान नागरिकों को तालिबान के बीच अकेला नहीं छोड़ेगा, जिन्होंने उसके लिए काम किया है। इन लोगों में अनुवादक, रसोई कर्मचारी, कलाकार, कार्यकर्ता और अन्य शामिल हैं।
 
आरोप-प्रत्यारोप का समय नहीं : संयुक्त राष्ट्र में अफगानिस्तान के राजदूत ने कहा है कि अब आरोप-प्रत्यारोप का समय नहीं रह गया है। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) और वैश्विक संस्था (United Nations) के महासचिव से अनुरोध किया कि वे युद्ध से जर्जर देश में हिंसा और मानवाधिकारों का हनन रोकने के लिए अपने पास उपलब्ध सभी साधनों का फौरन उपयोग करें। उन्होंने अनुरोध किया कि ‘अफगानिस्तान को गृह युद्ध की स्थिति में जाने और बिना मान्यता प्राप्त राष्ट्र बनने से रोकने के लिए कदम उठाये जाए।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

महिला रिपोर्टर की इस एक 'तस्‍वीर' से साफ हो गए ‘तालिबान के इरादे’