लंदन। शराब व्यवसायी विजय माल्या के अच्छे दिन आते नहीं दिख रहे। ब्रिटेन की शराब कंपनी डियाजियो ने यहां के उच्च न्यायालय में उसके खिलाफ 4 करोड़ डॉलर का दावा दायर किया है जिस पर माल्या ने सुनवाई को 23 मई की नियत तिथि के बाद कराए जाने के लिए अपील दायर की थी। लेकिन अदालत ने शुक्रवार को माल्या के खिलाफ फैसला दिया।
माल्या के खिलाफ ब्रिटेन में पहले से भारत प्रत्यर्पित किए जाने का मुकदमा चल रहा है। इस मामले में माल्या ने नए सिरे से एक अपील दायर की है। गौरतलब है कि माल्या भारत में बैंकों का करीब 9,000 करोड़ रुपए का कर्ज नहीं चुकाने के मामले में वांछित हैं।
न्यायाधीश क्लेयर मोल्डर ने माल्या की अपील के खिलाफ यह फैसला सुनाया, साथ ही उन्हें 34,000 पौंड की मुकदमा लड़ने की लागत को अलग से चुकाने का भी आदेश दिया है।
मोल्डर ने पूर्व में माल्या की ओर से मुकदमा लड़ रही विधायी कंपनी ग्रीनवुड्स का बकाया चुकाने में देरी करने और इस संबंध में कोई व्याख्या नहीं देने पर कड़ा ऐतराज जताया। इसके चलते उनकी ओर से मुकदमा लड़ने वाली नई कंपनी जोसेफ हेज आरेनसन को उनके पैसे मिलने में परेशानी आने की संभावना नजर आई। इसीलिए वह माल्या के मामले की सुनवाई टलवाने के पक्ष में थी।
न्यायाधीश मोल्डर ने कहा कि माल्या ने सुनवाई टालने के कारण को स्पष्ट नहीं किया, वहीं वादी डियाजियो की दलील इस बात की पुष्टि करती है कि उसके दावे का निपटान जल्द किया जाना चाहिए। डियाजियो ने कहा कि यदि मई की सुनवाई टलती है तो माल्या की संपत्ति को लेकर होड़ मच जाएगी, क्योंकि माल्या के खिलाफ ऐसे ही और मामले दर्ज हैं। माल्या को प्रत्यर्पित किया जा सकता है और फिर उसके खिलाफ कार्रवाई करना मुश्किल हो जाएगा।
हालांकि न्यायाधीश ने माल्या के नए वकील को अदालत में सबूत पेश करने की समयसीमा को थोड़ा और बढ़ाकर 23 अप्रैल कर दिया है जबकि पहले यह समयसीमा 5 अप्रैल थी, वहीं देरी के चलते डियाजियो को अतिरिक्त कानूनी लागत के तौर पर 28 दिनों में 34,000 पौंड की राशि चुकाने के लिए कहा है।