लंदन। अरबों रुपए के ऋण का गबन करने वाले भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या को मंगलवार को लंदन में गिरफ्तार कर लिया गया, लेकिन कुछ ही घंटों में उसकी जमानत मंजूर कर ली गई। राजनयिक सूत्रों के अनुसार माल्या की गिरफ्तारी काले धन को वैध बनाने के आरोपों को लेकर भारत सरकार द्वारा ब्रिटिश सरकार को उसके प्रत्यर्पण के अनुरोध पर की गई थी।
रिपोर्टों के अनुसार उसे ब्रिटिश अधिकारियों ने गिरफ्तार किया और उसे अदालत में पेश किया गया, जहां कुछ ही घंटों में उसकी जमानत याचिका पर सुनवाई के बाद उसे जमानत पर रिहा कर दिया गया। लंदन में उसे दूसरी बार गिरफ्तार किया गया। इससे पहले भी गिरफ्तारी के बाद उसकी जमानत मंजूर कर ली गई थी।
भारत सरकार के आग्रह पर उसे ब्रिटिश अधिकारियों ने अप्रैल में भी गिरफ्तार किया था और वह तुरंत जमानत पर रिहा हो गया था। इस बार भी उसे उन्हीं शर्तों पर जमानत मंजूर की गई है जिन पर अप्रैल में मंजूर हुई थी।
विजय माल्या ने भारतीय बैंकों को लगभग 9 हजार करोड़ रुपए से अधिक का चूना लगाया है और वह भारत से फरार हो गया था। उसके बाद से वह लंदन में ही रह रहा था। भारत में विभिन्न अदालतों ने उसके खिलाफ दर्जनों गिरफ्तारी वारंट जारी कर रखे है। भारत सरकार ने उसे प्रत्यर्पित करने के लिए ब्रिटिश सरकार से फरवरी में आग्रह किया था। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रर्वतन निदेशालय उसके खिलाफ वित्तीय अपराधों की जांच कर रहे हैं।