सीरिया के राष्ट्रपति के सीरिया से भागने के बाद वहां लोग जश्न मना रहे हैं और आतिशबाजी कर रहे हैं। लेकिन ऐसे लोग भी हैं जो सीरिया की राजधानी दमिश्क की सुरंगों में कुछ ढूंढ रहे हैं। दरअसल वे अपने लोगों को खोज रहे हैं। सोशल मीडिया में कुछ वीडियो वायरल हो रहे हैं जिसमें देखा जा सकता है कि लोग टार्च और मोबाइल की रोशनी जलाकर अपनों को ढूंढ रहे हैं।
दरअसल, राष्ट्रपति के जाते ही बहुत सारे लोग ऐसे भी हैं जो दमिश्क में उन सुरंगों की ओर भागे, जहां उनके अपने कैद थे। कुछ लोग खंभे पर चढ़कर दीवार तोड़ते दिखते हैं। उन्हें उम्मीद है कि इन दीवारों के पीछे उनके अपनों को कैद करके रखा गया है।
बना रखा था मौत का कैंप: सैदनाया जेल को मौत का कैंप कहा जाता था. एक अनुमान के मुताबिक, 2011 से 2018 के बीच तकरीबन 30 हजार बंदियों को इन सुरंगों में डालकर मार डाला गया। न तो उन्हें इलाज दिया जाता था और न ही भोजन। भाग्यशाली रहे जो कैदी इन सुरंगों से बाहर निकलकर आए, उन्होंने बताया कि 2018 और 2021 के बीच कम से कम 500 लोगों को मार दिया गया था। उनके शव इधर-उधर बिखरे पड़े थे। एमनेस्टी इंटरनेशनल ने इस जेल केा मानव वधशाला बताया है।
क्यों रखा गया था जेल में : बता दें कि अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, ये सुरंगें सीरिया की कुख्यात सैदनाया जेल की हैं। जहां बशर अल असद के शासन में विद्रोहियों और उनके रिश्तेदारों को रखा गया था। जेल में तमाम सुरंगें बनाई गई थीं, जहां न तो रोशनी जा सकती है और न ही कोई अन्य शख्स। उन सुरंगों में बहुत सारे लोगों को कैद करके रखा गया था। एक अन्य फुटेज में, एक छोटे से बच्चे को अपनी मां के साथ बाहर निकलते हुए देखा जा सकता है। असद के भागते ही विद्रोहियों ने इन सुरंगों को खोल दिया, जिससे ये महिलाएं भी बाहर आ गईं।
Edited : By Navin Rangiyal