Nancy Pelosi in Taiwan: चीन (China) की चेतावनियों को दरकिनार करते हुए अमेरिकी (American) स्पीकर नैंसी पैलोसी (Nancy Pelosi) मंगलवार को ताइवान पहुंचीं। नैंसी के ताइवान पहुंचने के घंटेभर से भी कम समय में चीन ने ताइवान को सैन्य हमले की धमकी दी। खबरें हैं कि चीन के 21 लड़ाकू विमानों ने ताइवान की सीमा के पास उड़ान भरी।
चीन ने धमकी दी कि चीनी सेना का ईस्टर्न थिएटर कमांड ताइवान में सैन्य अभियान चलाएगा। नैंसी पैलोसी के ताइवान पहुंचने के बाद चीन का रक्षा मंत्रालय हाई अलर्ट पर है। चीन ने धमकी दी है कि वह ताइवान के चारों ओर 4 से 7 अगस्त तक युद्धभ्यास करेगा।
चीनी सरकारी मीडिया ने यहां के रक्षा मंत्रालय के हवाले से मंगलवार को कहा कि ताइवान में लक्षित हमले किए जाएंगे। बताया गया कि चीनी आर्मी (PLA) ताइवान में लक्षित अटैक करेगी। चीन की तरफ से यह धमकी नैंसी पैलोसी के ताइवान पहुंचने के घंटेभर से कम समय में आई।
हालांकि ताइवान का कहना है कि चीन की तरफ से यह मनोवैज्ञानिक दबाव बनाने की कोशिश की जा रही है। पिछले 25 वर्षों में यह पहला मौका है, जब नैंसी पैलोसी जैसी हाई लेवल की यूएस रिप्रजेंटेटिव ताइवान पहुंची हैं। ताइवान ने आरोप लगाए हैं कि वहां साइबर अटैक हो रहे हैं।
जलडमरुमध्य की ओर बढ़ी सेना : चीन की आधिकारिक मीडिया ने मंगलवार को खबर दी कि देश की हवाई और जमीनी सेना ताइवान जलडमरुमध्य की ओर बढ़ रही है। ताइवान जलडमरुमध्य चीन की मुख्य भूमि को ताइवान से अलग करता है। बीजिंग ने यह कदम उसकी सख्त चेतावनी के बावजूद नैंसी पेलोसी के ताइवान पहुंचने के बाद उठाया है।
जैसे ही ताइवान की मीडिया ने पेलोसी के द्वीप पहुंचने की जानकारी दी, वैसे ही चीन की आधिकारिक सोशल मीडिया ने बड़े पैमाने पर सेना के ताइवान जलडमरुमध्य की ओर बढ़ने की जानकारी दी। सोशल मीडिया के हवाले से सरकारी चाइना डेली ने खबर दी की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की वायुसेना के सुखोई-35 लड़ाकू विमान ताइवान जलमरुमध्य को पार कर रहे हैं।
ट्विटर की तर्ज पर बने चीन के स्थानीय सोशल मीडिया मंच वीइबो पर तस्वीरें शेयर की गई हैं जिसके मुताबिक बख्तरबंद वाहन दक्षिणी चीनी बंदरगाह शहर शियामेन की ओर बढ़ रहे हैं। यह शहर चीन के दक्षिणी पूर्वी तट पर है जो ताइवान की ओर है।
चीन नियमित तौर पर किसी विदेशी हस्ती के ताइवान दौरे का विरोध करता रहा है। उसका दावा है कि वह एक चीन की नीति का अनुपालन करता है और जोर देता है कि बाकी देश भी इसका अनुसरण करें।
उसका मानना है कि ताइवान मुख्य भूमि का हिस्सा है। बीजिंग में चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि अगर पेलोसी ताइवान आती हैं तो अमेरिका को इसकी भारी कीमत चुकानी होगी।
चीन की सहायक विदेश मंत्री और प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने मंगलवार को मीडिया से कहा कि चीन की संप्रभुता, सुरक्षा और हित को कमतर करने की जिम्मेदारी अमेरिका की होगी और उसे इसकी कीमत चुकानी होगी। उन्होंने कहा कि पेलोसी की ताइवान यात्रा पर चीन कड़ा कदम उठाएगा।