हेग। अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) ने भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव मामले पर सुनवाई करते हुए पाकिस्तान की सभी दलीलें खारिज कर दीं साथ ही जाधव की फांसी पर आखिरी फैसला आने तक रोक लगा दी है। शीर्ष अदालत के 15 न्यायाधीशों ने सर्वसम्मति से अपना निर्णय दिया है।
अंतरराष्ट्रीय कोर्ट के जज जस्टिस रोनी अब्राहम ने फैसला सुनाते हुए कहा कि जाधव को जासूस बताने वाला पाकिस्तान का दावा सही नहीं माना जा सकता। पाकिस्तान ने अदालत में जो भी दलीलें दीं, वे भारत के तर्क के आगे कहीं नहीं ठहरतीं। अदालत ने कहा कि अभी यह साबित नहीं हुआ है कि कुलभूषण रॉ का एजेंट है। अत: उन्हें काउंसलर से मिलने की अनुमति मिलनी चाहिए। पाकिस्तान द्वारा ऐसा न करना अनुचित है।
अदालत ने इस बात पर भी चिंता जताई की जाधव की जान को खतरा है। पाकिस्तान को झटका देते हुए कोर्ट ने कहा कि भारत की जाधव मामले में अपील को जायज ठहराया है। पाकिस्तानी कानून के मुताबिक कुलभूषण के पास 40 दिन हैं। 26 अप्रैल को कुलभूषण की मां ने अपील फाइल की थी। 1977 से ही भारत और पाकिस्तान विएना समझौते का हिस्सा हैं।
हालांकि पाकिस्तान की नीयत पर पूरी तरह भरोसा नहीं किया जा सकता क्योंकि फैसले से ठीक पहले पाकिस्तान ने आईसीजे के फैसले से इनकार कर दिया है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नफीस जकारिया ने इंटरनेशनल कोर्ट के फैसले से चंद मिनटों पहले कहा कि अंतरराष्ट्रीय अदालत के पास कुलभूषण जाधव मामले की सुनवाई करने का कोई अधिकार नहीं है। ये पाकिस्तान की सुरक्षा का मामला है।