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George Floyd : गले पर दबाव बनाकर संदिग्धों को पकड़ने की पुलिस की ‘खतरनाक’ तकनीक पर दुनियाभर में छिड़ी बहस

हमें फॉलो करें George Floyd : गले पर दबाव बनाकर संदिग्धों को पकड़ने की पुलिस की ‘खतरनाक’ तकनीक पर दुनियाभर में छिड़ी बहस
, बुधवार, 3 जून 2020 (19:38 IST)
ला पेक (फ्रांस)। अमेरिका के मिनियापोलिस में अफ्रीकी-अमेरिकी जॉर्ज फ्लॉयड (George Floyd)  की पुलिस कार्रवाई के दौरान गला दबाए जाने के कारण मौत की घटना के मात्र 3 बाद पेरिस में भी एक ऐसी ही घटना का वीडियो वायरल हुआ, जिसमें एक पुलिस अधिकारी एक काले संदिग्ध व्यक्ति को पकड़ने के लिए उसके गले पर घुटना रखे दिखाई दे रहा है।
 
दुनियाभर के कई देशों की पुलिस संदिग्धों को पकड़ने के लिए उनकी गर्दन पर घुटनों का इस्तेमाल करके उन्हें गतिहीन बनाने की तकनीक इस्तेमाल करती है और इसकी काफी आलोचना होती रही है।
 
इस प्रकार की तकनीक के इस्तेमाल से दम घुटने और अन्य कारणों से संदिग्ध की मौत का खतरा होता है। फ्लॉयड की मौत पर अमेरिका समेत विश्वभर में रोष का एक कारण यह है कि पुलिस हिरासत में इस प्रकार की तकनीक का इस्तेमाल अक्सर काले संदिग्धों पर किया जाता है।
 
फ्रांस के सांसद फ्रांस्वा रफीं ने कहा कि हम ऐसा नहीं कह सकते कि अमेरिका की घटना हमारे लिए नई है। 
रफीं ने फ्रांस में इस प्रकार की तकनीकों पर रोक लगाए जाने की मांग की हैं, जिनमें संदिग्ध का मुंह जमीन पर नीचे की ओर रखकर उसे गर्दन या उसके पास से दबाया जाता है ताकि वह अपनी जगह से हिल न सके।
 
ह्यूस्टन निवासी फ्लॉयड की मिनियापोलिस में 25 मई को उस समय मौत हो गई थी जब एक श्वेत पुलिस अधिकारी ने उसके गले को अपने घुटने से तब तक दबाए रखा, जब तक कि उसकी सांसें नहीं रुक गई।
 
पेरिस में भी 28 मई को एक ऐसा मामला सामने आया जब एक अधिकारी ने एक काले व्यक्ति को पकड़ने के दौरान उसके जबड़े, गर्दन और सीने के ऊपरी हिस्से को अपने घुटने और जांघ से दबाया, ताकि वह अपनी जगह से हिल न सके। 
 
इस वीडियो को पास से गुजर रहे लोगों ने रिकॉर्ड कर लिया और इसे ऑनलाइन शेयर किया। पुलिस का दावा है कि यह संदिग्ध व्यक्ति नशे में वाहन चला रहा था और उसने गिरफ्तारी से बचने की कोशिश की थी और पुलिस का 
अपमान किया था।
 
हांगकांग में भी पुलिस बल गले पर दबाव बनाकर पकड़े गए एक व्यक्ति की मौत संबंधी घटना की जांच कर रहा है। दुनियाभर के पुलिस विभागों में इस तकनीक के इस्तेमाल संबंधी नियम अलग-अलग हैं।
 
बेल्जियम में पुलिस प्रशिक्षक स्टेनी ड्यूरीयक्स ने कहा कि संदिग्ध पर पूरी तरह से भार डालना मना है क्योंकि इससे उसकी पसली टूट सकती है और उसका दम घुट सकता है।
 
इजराइल के पुलिस प्रवक्ता मिकी रोसेनफेल्ड ने कहा कि ऐसी कोई रणनीति या प्रोटोकॉल नहीं है, जो गर्दन या श्वसनमार्ग पर दबाव बनाने की सलाह देता हो। 
 
जर्मनी की पुलिस के अनुसार उनके देश में अधिकारियों को संदिग्ध के सिर के एक हिस्से पर थोड़ा दबाव दे सकने की अनुमति है, लेकिन गर्दन पर ऐसा करने की अनुमति नहीं है।
 
ब्रिटेन में लंदन पुलिस की वेबसाइट के अनुसार गर्दन को किसी भी प्रकार से दबाने की प्रक्रिया को हतोत्साहित किया गया है, क्योंकि यह ‘अत्यंत खतरनाक’ हो सकता है।
 
देश के भीतर भी नियम भिन्न-भिन्न हो सकते हैं। न्यूयॉर्क पुलिस को संदिग्ध के ‘सीने या पीठ या बैठकर, घुटने रखकर या खड़े होकर दबाव बनाने से बचने’ की सलाह दी जाती है और ‘गले पर दबाव बनाना मना है’। दूसरी ओर सैन डिएगो में बाजू के साथ गर्दन पर दबाव बनाकर रक्त प्रवाह रोकने की तकनीक अपनाने की अनुमति है। हालांकि फ्लॉयड की मौत के बाद इस संबंधी आदेश में बदलाव लाया जाएगा।
 
फ्रांस की पुलिस युनियन के एक पदाधिकारी क्रिस्तोफ रोउजे ने कहा कि दुनियाभर की पुलिस इन तकनीकों का इस्तेमाल करती है, क्योंकि इनमें खतरा अपेक्षाकृत कम है, लेकिन पुलिसकर्मियों को इनका अच्छे से प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए। हमने देखा कि अमेरिका में इस तकनीक का सही प्रकार के उपयोग नहीं किया गया। गलत जगह पर और अधिक समय तक दबाव दिया गया। (भाषा)

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