भारत भेजने के डर से विवादित इस्लामी धर्म प्रचारक जाकिर नाइक की अकड़ ढीली पड़ गई और उसने अपने भड़काऊ टिप्पणी के लिए मलेशिया सरकार से माफी मांग ली है। इससे पहले, सरकार ने उसके सार्वजनिक रूप से उपदेश देने पर भी रोक लगा दी है।
हिन्दुओं और चीनियों के खिलाफ भड़काऊ टिप्पणी करने के बाद मलेशिया सरकार के मंत्री ही जाकिर के खिलाफ हो गए थे। मंत्रियों के साथ ही आम लोगों ने भी मांग शुरू कर दी थी कि जाकिर को वापस भारत भेज देना चाहिए, जहां से यह भागकर आया है।
जाकिर ने हाल ही में विद्वेष फैलाने वाली टिप्पणी की थी, जिसमें उसने कहा था कि मलेशिया में हिन्दुओं को भारत में रह रहे मुस्लिमों की तुलना में 100 गुना ज्यादा अधिकार हासिल हैं। जाकिर ने कहा था कि हिन्दुओं की निष्ठा मोदी के प्रति ज्यादा है। उसने चीनियों को 'ओल्ड गेस्ट' बताते हुए मलेशिया से निष्कासित करने की बात कही थी।
क्या कहती है सरकार : मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने कहा है कि नाइक ने हदें लांघ दी हैं। कैबिनेट के कई मंत्रियों ने भी उसे निकाले जाने की अपील की है। पुलिस ने जाकिर से करीब 10 घंटे तक पूछताछ की और उससे पूछा कि क्या वह जानबूझकर भड़काऊ बातें करता है।
हालांकि नाइक ने कहा कि उसका इरादा कभी किसी व्यक्ति या समुदाय को ठेस पहुंचाने का नहीं था। यह इस्लाम के मूल सिद्धांतों के भी खिलाफ है। इस गलतफहमी के लिए मैं दिल से माफी मांगता हूं।