अमेरिका अपने 6 सैनिकों को अफगानिस्तान में इस साल की शुरुआत में पवित्र कुरान को जलाने की घटना में उनकी भूमिकाओं के लिए प्रशासनिक सजा देगा।
इस घटना के बाद अफगानिस्तान में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुआ, जिसके बाद राष्ट्रपति बराक ओबामा को माफी मांगना पड़ी।
अमेरिकी मध्य कमान ने जांच की रिपोर्ट जारी की। सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने जांच कार्य किया। जांच में पाया गया कि अमेरिकी सैनिकों ने इसलिए करीब 100 कुरान और पवित्र साहित्य जलाए कि उन्हें लगा कि इस साहित्य का इस्तेमाल बंदी बनाए गए लोग हिंसक चरमपंथ के लिए करते हैं।
आर्मी ब्रिगेडियर जनरल ब्रायन जी. वाटसन की रिपोर्ट में पाया गया कि अमेरिकी सैनिकों ने मुस्लिमों के पवित्र ग्रंथ और अन्य धार्मिक सामग्रियों के साथ छेड़छाड़ की। (भाषा)