जहीर-उल-इस्लाम होंगे नए आईएसआई प्रमुख
इस्लामाबाद , शनिवार, 10 मार्च 2012 (12:51 IST)
पाकिस्तान सरकार ने खुफिया एजेंसी (आईएसआई) के प्रमुख के तौर पर जनरल अहमद शुजा पाशा के कार्यकाल को बढ़ाए जाने की अटकलों पर विराम लगाते हुए लेफ्टीनेंट जनरल जहीर-उल-इस्लाम को देश का नया खुफिया प्रमुख नियुक्त किया है।पाकिस्तान के डॉन समाचरपत्र ने प्रधानमंत्री युसूफ रजा गिलानी के कार्यालय से जारी बयान को आधार बनाकर आज कहा कि गिलानी ने लेफ्टीनेंट जनरल जहीर-उल-इस्लाम को आईएसआई का नया महानिदेशक नियुक्त किया है। सेना प्रमुख अशफाक परवेज कयानी ने जनरल इस्लाम को इस पद पर नियुक्त करने के लिए सरकार से सिफारिश की थी।जनरल इस्लाम कराची स्थित पाकिस्तानी सेना की पांचवी कोर के कमांडर हैं। जनरल पाशा के सेवानिवृत्त होने के बाद वह 18 मार्च को अपना पदभार ग्रहण करेंगे।लेफ्टीनेंट जनरल इस्लाम की इस बेहद महत्वूपर्ण पद पर नियुक्ति ऐसे समय में हुई है जब सेना में उनकी सेवानिवृत्ति में महज दो वर्षों का समय ही शेष रह गया है। उनकी नियुक्ति से स्पष्ट संकेत मिले हैं कि पाकिस्तान सरकार अफगानिस्तान के साथ जारी शांति-वार्ता को लेकर तथा अमेरिका के साथ नए दौर के रिश्तों की शुरुआत को लेकर बेहद गंभीर रुख अख्तियार किए हुए है।पाकिस्तान की सीमा चौकी पर पिछले वर्ष हुए पश्चिमी सेनाओं के हवाई हमले में कई पाकिस्तानी सैनिकों के मारे जाने के बाद से दोनों देशों के संबंधों में कड़वाहट आ गई थी।जनरल पाशा की सेना प्रमुख कयानी से नजदीकियों के कारण उन्हें आईएसआई प्रमुख के पद पर दो वर्षों का अतिरिक्त समय मिल गया था। हालांकि पाकिस्तानी सरजमीं पर ओसामा बिन लादेन के छिपे होने के मामले में आईएसआई की विफ्लता और मेमोगेट कांड में राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी को पद से हटाने के मामले में अपनी कथित भूमिका को लेकर वह खासे अलोकप्रिय चल रहे थे और पाकिस्तान सरकार पर उन्हें हटाने को लेकर काफी दबाव था।पाकिस्तान के मुख्य विपक्षी दल पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाब) ने जनरल पाशा के कार्यकाल को बढ़ाए जाने के विरुद्ध कमर कसी हुई थी। जनरल पाशा और सरकार के बीच तकरार उस समय अधिक बढ़ गई थी जब सरकार मेमोगेट मामले की जांच एक संयुक्त संसदीय जांच दल के जरिए कराना चाहती थी जबकि पाशा ने इस मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट के जरिए कराए जाने पर बल दिया था। (वार्ता)