जापान में सुनामी त्रासदी की पहली बरसी
इशिनोमाकी (जापान) , रविवार, 11 मार्च 2012 (16:32 IST)
थोड़ी देर के मौन, प्रार्थना और राष्ट्र के पुननिर्माण का प्रण लेकर जापान ने आज भूंकप और सुनामी की वजह से पिछले साल देश में आयी विपदा का एक साल पूरा किया। बीते साल 11 मार्च को आयी आपदा में करीब 19,000 लोग मारे गए थे और 1986 के बाद विश्व के सबसे भयानक परमाणु संकट का भी सामना करना पड़ा था।जापान के पूर्वोत्तर इलाके आइवेट, मियागी और फुकुशिमा में सुनामी ने सबसे ज्यादा तबाही मचा थी। इन इलाकों में भी स्मृति सभाएं आयोजित की गई। इसके अलावा तोक्यो और देश के अन्य हिस्सों में भी दोपहर दो बजकर 46 मिनट पर मौन रखा गया।गौरतलब है कि पिछले साल इसी दिन दोपहर दो बजकर 46 मिनट पर ही 9.0 की तीव्रता वाला भूकंप आया था, जिससे पूरा देश हिल गया था और फुकुशिमा दायची परमाणु संयंत्र में विकिरण संकट पैदा हो गया था।जापान के सम्राट अकिहीतो और प्रधानमंत्री योशिहिको नोडा ने तोक्यो के नेशनल थिएटर में आयोजित मुख्य स्मृति सभा की अगुवाई की। यहां क्रिसेनथेमम्स से सजा एक खंभा खड़ा किया गया था जिस पर लिली के फूल लगाए गए थे। इसे पीड़ितों की आत्मा मानकर श्रद्वांजलि दी गई। काले लिबास में करीब 1,200 लोगों ने सभा में शिरकत की और आपदा में जान गंवाने वालों के लिए कुछ देर तक मौन धारण किया। पिछले साल आए विनाशकारी भूकंप की वजह से फुकुशिमा परमाणु संयंत्र में कई विस्फोट हुए थे। विकिरण से बचाव के लिए हजारों लोगों को उस इलाके से बाहर निकालना पड़ा था।भूकंप के तुरंत बाद पूर्वोत्तर तट से पैदा हुई सुनामी कई इमारतों, कारों और जहाजों को अपने साथ ले गयी । इससे कई तटीय शहर तबाह हो गए। हरी प्राकृतिक आपदा की मार से 15,800 लोग मारे गए थे जबकि 3,000 से ज्यादा लोगों का पता नहीं चल पाया। ‘क्योदो’ समाचार एजेंसी के मुताबिक, स्मृति सभा में नोडा ने प्रतिज्ञा जाहिर की कि जापान इस त्रासदी से उबरेगा। (भाषा)