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प्रधानमंत्री मनमोहन तेहरान पहुंचे

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हमें फॉलो करें प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह
तेहरान , बुधवार, 29 अगस्त 2012 (00:13 IST)
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प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह गुट निरपेक्ष देशों के 16वें शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए बुधवार को तेहरान पहुंच गए। तेहरान पहुंचने पर ईरान के वित्त मंत्री शम्सुद्दीन हुसैनी ने मनमोहन की अगवानी की।

करीब 10 साल की अवधि में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यह पहली ईरान यात्रा है। इससे पहले अटलबिहारी वाजपेयी ने 2001 में ईरान की यात्रा की थी।

गुटनिरपेक्ष देशों के शिखर सम्मेलन में शिरकत करने के साथ ही मनमोहनसिंह ईरान के शीर्ष नेता अयातुल्ला अली खुमैनी और राष्ट्रपति महमूद अहमदीनेजाद से मिलेंगे। इन मुलाकातों के दौरान दोनों देश द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा करेंगे।

इससे पूर्व दिल्ली से तेहरान जाते वक्त गुट निरपेक्ष आंदोलन के महत्व को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह ने कहा कि इसे मुख्य राजनीतिक और आर्थिक चुनौतियों से निपटना चाहिए, जिसमें सीरिया की खराब होती स्थिति और वर्तमान आर्थिक संकट भी शामिल है।

उन्होंने कहा कि इस तरह की समझ है कि वैश्विक प्रशासन का पुराना ढांचा वर्तमान राजनीतिक और आर्थिक चुनौतियों का सामना नहीं कर पा रहा है। सीरिया की खराब होती स्थिति, वर्तमान वैश्विक आर्थिक संकट और अन्य उभरते खतरों के लिए विश्वसनीय सीमापारीय कार्रवाई की आवश्यकता है।

जरदारी से मिलेंगे : प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह अपने ईरान प्रवास के दौरान पाकिस्तानी राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और मिस्र के राष्ट्रपति मोहम्मद मुरसी से मुलाकात करेंगे।

तेल खरीदारी जारी रहेगी : ईरान से तेल के आयात में कमी लाने के अमेरिकी दबाव के बावजूद भारत ने कहा कि वह ईरान से तेल का सबसे बड़ा खरीदार बना रहेगा। भारत ने यह भी कहा कि उसकी कंपनियां तेल की खरीद पर लगाए गए प्रतिबंधों का भी हल निकाल लेंगी।

आतंकवाद बर्दाश्त नहीं करें : दूसरी ओर भारत के विदेशमंत्री एसएम कृष्णा ने तेहरान में आयोजित 129 देशों की मंत्री स्तरीय बैठक में वार्ता के बीच में विदेश मंत्री सीरिया की स्थिति पर चिंता जताते जोर दिया कि झड़पों के और ज्यादा सैन्यीकरण का समाप्त करना जरूरी है।

भारत ने आज गुट निरपेक्ष देशों ने कहा कि वे आतंकवाद को रत्ती भर भी बर्दाश्त ना करें। साथ ही उसने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और वैश्विक वित्तीय संस्थानों में व्यापक सुधार की बात कही ताकि विकासशील देशों को इसका समुचित लाभ मिल सके।

‘संयुक्त वैश्विक शासन प्रणाली के माध्यम से स्थायी शांति’ विषय पर कृष्णा ने वैश्विक परमाणु निरस्त्रीकरण का लक्ष्य हासिल करने के लिए गुटरनिरपेक्ष आंदोलन को और सक्रिय भूमिका निभाने की बात कही। (भाषा)

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