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भारत में भी मौजूद है अमेरिकी सेना

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वॉशिंगटन , शुक्रवार, 2 मार्च 2012 (12:17 IST)
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पेंटागन के एक शीर्ष कमांडर ने बताया कि अमेरिकी के विशेष बलों के दल इस समय भारत सहित पांच दक्षिण एशियाई देशों के साथ आतंकवाद निरोधक सहयोग के तहत वहां मौजूद हैं।

पीएसीओएम के कमांडर एडमिरल रॉबर्ट विलार्ड ने बताया कि यूएस पैसिफिक कमान ने इन दलों को खास कर नौवहन क्षेत्र में आतंकवाद निरोधक क्षमता बढ़ाने के प्रयासों के तहत तैनात किया है।

विलार्ड ने कांग्रेस की एक बैठक में भारत के साथ आतंकवाद से निपटने के मुद्दों पर सहयोग के बारे में पूछे गए सवालों के जवाब में कहा कि वर्तमान में हमारे विशेष बल के सहायता दल नेपाल, बांग्लादेश, श्रीलंका, मालदीव और भारत में मौजूद हैं।

उन्होंने कहा कि आतंकवाद निरोधक क्षमता के संदर्भ में हम भारत के साथ मिल कर काम कर रहे हैं, खास कर नौवहन क्षेत्र में। दोनों देशों की अन्य एजेंसियां भी अंदरूनी आतंकवाद निरोधक उपायों तथा विद्रोहियों से मिल रही चुनौतियों से निपटने में एक दूसरे की सहायता कर रही हैं।

विलार्ड ने कहा कि पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा एक बहुत ही खतरनाक संगठन है। उसने कई तरह से खुद को मजबूत किया हुआ है। उन्होंने कहा कि यह एक बड़ा खतरा है और इससे निपटने के लिए हम क्षेत्र में देशों के साथ मिल कर काम कर रहे हैं।

विलार्ड ने बयान में कहा कि अमेरिका और भारत लश्कर-ए-तैयबा के खतरे से निपटने के लिए एक साथ मिल कर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत में मुंबई में हुए भीषण हमलों सहित अन्य हमलों के लिए जिम्मेदार लश्कर ए तैयबा का मुख्यालय पाकिस्तान में है, उसके अलकायदा और अन्य आतंकी संगठनों के साथ संबंध हैं, वह अफगानिस्तान में आतंकी अभियान चला रहा है और एशिया, यूरोप तथा उत्तर अमेरिका के खिलाफ हिंसा फैलाना चाहता है।

उन्होंने कहा कि बांग्लादेश खास तौर पर आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एक कारगर सहयोगी के तौर पर उभरा है और लश्कर जैसे संगठनों की गतिविधियों से निपटने में भारत तथा अमेरिका के साथ सहयोग कर रहा है। (भाषा)

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