बौद्ध भिक्षु से इलाज कराना एक महिला को भारी पड़ गया। बौद्ध भिक्षु की सलाह पर महिला ने ‘औषधीय मदिरा’ का सेवन किया था। इस मामले में अदालत ने भिक्षु को दस साल की सजा सुनाई गई है।
सरकारी मीडिया की खबरों में कहा गया है कि यू उपनामधारी यह भिक्षु बीजिंग के उत्तरी उपनगर स्थित चांगपिंग जिले के एक मंदिर में रहता था और स्वनिर्मित ‘औषधीय मदिरा’ से लोगों का इलाज करता था। उसका दावा था कि यह औषधीय मदिरा विभिन्न परंपरागत चीनी औषधियों से बनाया जाने वाला ‘पुश्तैनी गोपनीय नुस्खा’ है।
25 वर्षीय एक महिला झांग इस भिक्षु से इलाज करा रही थी जिसकी मौत हो गई। झांग के शव के पोस्टमार्टम में विषाक्तता के लक्षण पता चले थे।
जिला अदालत के प्रवक्ता के अनुसार, इसके बाद फोरेन्सिक जांच हुई जिसमें डॉक्टरों ने पाया कि उसकी मौत ‘औषधीय मदिरा’ में पाए गए एकोनिटाइन पदार्थ से हुई। भिक्षु को जिला अदालत ने दस साल की सजा सुनाई है।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ की खबर में कहा गया है कि अभियोजकों के अनुसार, यू ने इलाज करने के लिए आवश्यक अनुमति नहीं ली थी। उसे गैरकानूनी तरीके से इलाज करने का दोषी पाए जाने के बाद जेल भेजा गया। (भाषा)