मनमोहन बोले, परमाणु हथियारों से मुक्त हो दुनिया
सोल , मंगलवार, 27 मार्च 2012 (10:42 IST)
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने चेतावनी दी है कि परमाणु आतंकवाद तब तक बड़ा खतरा बना रहेगा जब तक आतंकवादी परमाणु सामग्री और प्रौद्योगिकी तक अपनी पहुंच बनाने की ताक में रहेंगे। सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि परमाणु सुरक्षा की सबसे बेहतर गारंटी यही हो सकती है कि दुनिया ऐसे हथियारों से मुक्त हो।द्वितीय परमाणु सुरक्षा शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत इस खतरे के प्रति बेहद सतर्क है। उन्होंने कहा कि जनसंहार के हथियारों तक आतंकवादियों को पहुंच कायम करने से महरूम रखने के लिए भारत की ओर से लाया गया प्रस्ताव साल 2002 से ही एकमत से स्वीकार कर लिया गया था।सिंह ने कहा कि भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की प्रस्ताव संख्या 1540 और इसकी समिति के कार्यों को अपना समर्थन दिया था। इस प्रस्ताव में सरकार से इतर तत्वों तक रासायनिक, जैविक, रेडियोधर्मी एवं परमाणु हथियारों की पहुंच के खिलाफ कानूनी और विनियामक उपायों को अमली जामा पहनाने के प्रावधान हैं।मनमोहन सिंह ने कहा कि इसमें सुरक्षा सिद्धांतों के तहत परमाणु हथियारों के महत्व को कम कर तथा परमाणु हथियारों के पहले इस्तेमाल पर वैश्विक नियंत्रण बढ़ाकर परमाणु खतरों को कम करने के उपाय शामिल किए जाने चाहिए।उन्होंने अंतरराष्ट्रीय परमाणु उर्जा एजेंसी के परमाणु सुरक्षा कोष में वर्ष 2012-13 के लिए 10 लाख डॉलर के योगदान की भी घोषणा की। सिंह ने कहा कि भारत विकासशील देशों को तकनीकी सहायता उपलब्ध करा रहा है जिसमें कैंसर के इलाज के लिये स्वेदश में विकसित कोबाल्ट टेली-थिरैपी मशीन्स शामिल हैं।टेली-थिरैपी मशीन्स 2008 में वियतनाम को दान स्वरूप दी गई थी और इसकी आपूर्ति के लिये श्रीलंका तथा नामीबिया के साथ समझैता किया गया है। यह कैंसर के सस्ते इलाज की दिशा में कदम है।भारत के परमाणु कार्यक्रम पर सिंह ने कहा कि परमाणु प्रतिष्ठानों में परमाणु सुरक्षा उपायों की व्यापक समीक्षा की गयी है। उन्होंने कहा कि भारत ने अपनी सुरक्षा तथा उसकी जांच में मदद के लिये आईएईए के परिचालन सुरक्षा समीक्षा दल को आमंत्रित किया है।सिंह ने कहा कि पारदर्शिता तथा लोगों का विश्वास बढ़ाने के लिए परमाणु सुरक्षा मूल्यांकन को सार्वजनिक किया गया है। साथ ही भारत सांविधिक, स्वतंत्र तथा स्वायत्त परमाणु सुरक्षा नियामकीय प्राधिकरण के गठन की प्रक्रिया में है। उन्होंने कहा कि हम परमाणु हादसों से निपटने के लिए आपात तैयारियों को मजबूत कर रहे हैं। (भाषा)