संयुक्त राष्ट्र। भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम उल्लंघन की निगरानी करने वाले संयुक्त राष्ट्र के पर्यवेक्षक मिशन को भारत सरकार द्वारा नई दिल्ली स्थित वर्तमान कार्यालय परिसर खाली करने के लिए कहे जाने के बाद पर्यवेक्षक मिशन भारत में किसी अन्यत्र स्थान पर कार्यालय के लिए स्थान की तलाश कर रहा है।
भारत और पाकिस्तान में संयुक्त राष्ट्र सैन्य पर्यवेक्षक समूह (यूएनएमओजीआईपी) को 40 वर्ष पहले दोनों देशों के बीच संघर्ष विराम की निगरानी का मुक्त प्रभार सौंपा गया था। भारत में नई दिल्ली स्थित पुराना किला मार्ग पर यूएनएमओजीआईपी को सरकारी बंगला कार्यालय के लिए दिया गया था।
भारत की नई सरकार ने समूह को यह सरकारी बंगला खाली करने को कहा है ताकि उसकी उपस्थिति को युक्तिसंगत बनाया जा सके। सरकार का कहना है कि उसकी प्रासंगिकता अब समाप्त हो चुकी है।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून के उपप्रवक्ता फरहान हक ने से कहा कि यूएनएमओजीआईपी को नई दिल्ली स्थित कार्यालय खाली करने के संबंध में भारत सरकार की ओर से अनुरोध प्राप्त हुआ है। मिशन इसके लिए अन्यत्र किसी संभावित स्थान की तलाश और लागत आकलन के लिए बाजार का सर्वेक्षण कर रहा है।
प्रवक्ता ने कहा कि यूएनएमओजीआईपी भारतीय अधिकारियों के संपर्क में है और इस संबंध में वह अपना सहयोग जारी रखेगा।
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने नई दिल्ली में बताया कि यूएनएमओजीआईपी को लेकर लंबे समय से भारत की यही सोच रही है कि उसने सौंपी गई अपनी जिम्मेदारी पूरी कर ली है।
यूएनएमओजीआईपी को लेकर भारत का विचार यह रहा है कि यूएनएमओजीआईपी का स्थान शिमला समझौते और उसके परिणामस्वरूप स्थापित नियंत्रण रेखा ने ले ली है।
अकबरुद्दीन ने आगे कहा कि सरकार को अभी अपना बजट पेश करना है और हर कोई इसकी तैयारी में जुटा हुआ है। उन्होंने यह भी कहा कि इसे युक्तिसंगत बनाने का तात्पर्य यह है कि आपको जो मिल रहा है उसके लिए आप भुगतान करें।
यूएनएमओजीआईपी का वर्तमान कार्यालय पुराना किला मार्ग पर टाइप 7 बंगले में है। यूएनएमओजीआईपी के पर्यवेक्षक वर्ष 1949 से ही भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम की निगरानी करने के लिए नियंत्रण रेखा जम्मू-कश्मीर में तैनात हैं।
मई तक यूएनएमओजीआईपी के पास 40 सैन्य पर्यवेक्षक, 23 अंतरराष्ट्रीय असैन्य कर्मी और 45 स्थानीय नागरिक असैन्य कर्मचारी थे।
पर्यवेक्षक समूह संयुक्त राष्ट्र की नियमित बजट से वित्तपोषित होता है और इसका वर्ष 2014-15 का द्विवार्षिक बजट 1.96 करोड़ डॉलर है। (भाषा)