Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

धोनी और वॉर्न के निशाने पर सेमीफाइनल

Advertiesment
हमें फॉलो करें धोनी और वॉर्न के निशाने पर सेमीफाइनल
जयपुर , रविवार, 8 मई 2011 (18:02 IST)
WD
मामूली फासले पर खड़े दो पूर्व चैंपियन चेन्नई सुपरकिंग्स और राजस्थान रॉयल्स यहां सोमवार को आईपीएल-4 के मुकाबले में भिडेंगी तो दोनों का मकसद जीत दर्ज कर सेमीफाइनल के लिए अपना दावा मजबूत करने का होगा।

दोनों टीमों ने अब तक 10 मैच खेले हैं और चार-चार हार झेली है। राजस्थान को एक वर्षा बाधित मैच में बेंगलुरु रॉयल चैलेंजर्स से अंक बांटना पड़ा था। इस कारण उसके 11 अंक हैं जबकि चेन्नई के 12 अंक हैं। सोमवार को जो टीम जीत दर्ज करेगी, सेमीफाइनल में उसका दावा मजबूत होगा।

राजस्थान को अपने पिछले मैच में चेन्नई के हाथों आठ विकेट की करारी हार झेलनी पड़ी थी। वह अपने मैदान पर अब इस हार का बदला भी लेना चाहेगा। टीम के कप्तान शेन वॉर्न इस सत्र के बाद आईपीएल को अलविदा कहने की घोषणा कर चुके हैं। वह जीत के साथ अपने करिअर का समापन और इसमें साथियों के सहयोग की उम्मीद लगाए जरूर बैठे होंगे।

वहीं शनिवार को वर्षा बाधित मैच में डकवर्थ लुईस नियम से हारने के कारण चेन्नई के सेमीफाइनल अभियान को झटका लगा था, इसलिए वह अपना अभियान दोबारा आगे बढ़ाना चाहेगी। किस्मत के धनी कहे जाने वाले कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को इस टूर्नामेंट में कई झटके लगे हैं। इस कारण उनके लिए भी यह मुकाबला बेहद अहम रहेगा।

राजस्थान की सबसे बड़ी ताकत उसकी गेंदबाजी है। कप्तान शेन वॉर्न की अगुआई में गेंदबाजों के धारदार प्रदर्शन ने टीम को कई धमाकेदार जीत दिलायी है। जयपुर की पिच भी स्पिनरों को काफी मदद दे रही है। इस कारण टीम बेहतर प्रदर्शन की आस लगाये बैठी होगी। इन स्पिनरों ने 29 अप्रैल को मुंबई की दिग्गज टीम को मात्र 94 रन पर धराशायी कर दिया था, जिसके बाद पिच को लेकर काफी विवाद भी खड़ा हुआ।

वॉर्न एंड कंपनी इस बार अपनी फिरकी पर सुपरकिंग्स को नचाने के लिए तैयार जरूर होगी। जयपुर में कोलकाता के खिलाफ मैच छोड दें तो बाकी सभी मैचों में रॉयल्स का प्रदर्शन जोरदार रहा है। कप्तान वॉर्न इस सिलसिले को जारी रखने की उम्मीद लगाए होंगे।

योहान बोथा और शेन वाटसन जैसे ऑलराउंडरों की मौजूदगी भी रॉयल्स टीम को सशक्त बनाती है। वॉटसन अब तक क्लिक नहीं कर पाए हैं लेकिन बोथा ने लगातार बढिया खेल दिया है। अपनी ऑफ स्पिनर की पहचान को उन्होंने इस टूर्नामेंट में ही ऑलराउंडर का रूप दिया है। इस कारण चेन्नई को अगर जीत हासिल करनी है तो उसे बोथा के खिलाफ खास रणनीति के साथ उतरना होगा।

दोनों टीमों के बीच हुई पिछली भिड़ंत में मिली जीत के कारण चेन्नई का मनोबल जरूर ऊंचा होगा लेकिन उन्हें शातिर वार्न के खिलाफ अतिरिक्त सावधानी बरतनी होगी। चेन्नई की ताकत माइक हसी, सुरेश रैना और कप्तान धोनी जैसे बल्लेबाजों में है लेकिन गेंदबाजों को भी आगे बढ़कर प्रदर्शन करना होगा।

स्पिन की मददगार पिच पर स्पिनर रविचंद्रन अश्विन से चेन्नई की उम्मीदें ज्यादा रहेंगी और शादाब जकाती तथा तेज गेंदबाज एल्बी मोर्कल पर भी बडी जिम्मेदारी होगी। ये तीनों गेंदबाज चेन्नई के अभियान में अहम भूमिका निभाते आए हैं. इस कारण इन पर बेहतर करने का दबाव भी रहेगा। (वार्ता)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi