प्ले ऑफ दौर की होड़ से लगभग बाहर हो चुकी टीमें मेजबान डेक्कन चार्जर्स हैदराबाद और पुणे वारियर्स यहां मंगलवार को आईपीएल-4 मुकाबले में भिड़ेंगी तो उनका एकमात्र मकसद इस मैच को जीतकर अपना सम्मान बचाना होगा।
यह मुकाबला न केवल दो पिटी हुई टीमों का है बल्कि लगभग एक जैसे सफर से गुजर रहे दो बदनसीब कप्तानों का भी है। चार्जर्स और पुणे दोनों की बल्लेबाजी उनके कप्तानों क्रमश: कुमार संगकारा और युवराज सिंह के भरोसे है। दोनों कप्तानों ने अब तक 10 मैचों में एक बराबर 294 रन बनाए हैं।
संगकारा का उच्चतम स्कोर 65 रन तो युवी का उच्चतम स्कोर नाबाद 66 रन रहा है। संगकारा अपनी बल्लेबाजी के अलावा उम्दा विकेटकीपिंग कर टीम को पटरी पर लाने की नाकाम कोशिश करते रहे हैं तो वहीं युवराज बल्लेबाजी के बाद शानदार गेंदबाजी और क्षेत्ररक्षण के जरिए टीम की इज्जत बचाने के लिए नाक रगड़ रहे हैं लेकिन दोनों ही कप्तानों को टीम का साथ नहीं मिल पाया है।
दोनों टीमों ने टूर्नामेंट में अब तक 10 मैच खेलकर सात हार झेली है। फर्क बस इतना है कि लगातार सात मैचों से हार झेलने के बाद किंग्स इलेवन पंजाब को उसी के मैदान में पस्त करने से वारियर्स के हौसले कुछ मजबूत हुए होंगे वहीं हार की हैट्रिक बना चुके चार्जर्स पूरी तरह डिस्चार्ज नजर आ रहे हैं।
टूर्नामेंट में इन दोनों टीमों के बीच यह पहली भिड़ंत है। इस लिहाज से भी टीमें रिकॉर्डबुक में अपना अतीत बेहतर ढंग से दर्ज करना चाहेंगी। खिलाड़ियों के फॉर्म और टीम संयोजन को देखें तो दोनों टीमें लगभग बराबरी पर हैं और किसी का दावा दूसरे से बेहतर नहीं माना जा सकता है।
मैदानी समीकरणों की बात करें तो इस नाक की लडाई में भी दोनों कप्तानों को ही जी जान लगाना होगा। अपनी कमजोर गेंदबाजी की भरपाई दोनों टीमों के बल्लेबाजों को करनी होगी और हमेशा की तरह बल्लेबाजी का दारोमदार संगकारा और युवराज के कंधों पर रहेगा।
पुणे की टीम में युवराज का साथ देने के लिए आईपीएल-3 के सिक्सर किंग रोबिन उथप्पा और हरफनमौला जेसी राइडर हैं लेकिन इन दोनों के अलावा कोई बल्लेबाज प्रभाव नहीं छोड़ पाया है। उथप्पा और राइडर दोनों टूर्नामेंट में 250 रन का आंकड़ा छूने के पास हैं और युवी को उम्मीद रहेगी ये दोनों इस आंकड़े को छूने के साथ ही टीम को जीत दिलाएं।
वहीं संगकारा को शिखर धवन से बेहतर संग की उम्मीद रहेगी। सनी सोहेल, भरत चिप्ली, जेपी डुमिनी और डेनियल क्रिस्टियन एक-दो मौकों पर चमके हैं लेकिन उनके प्रदर्शन में निरंतरता का अभाव रहा है। घरेलू मैदान की प्रेतबाधा वैसे ही चार्जर्स का पीछा छोड़ नहीं रही है। ऐसे में टीम को अगर कुछ बेहतर करना है तो इन बल्लेबाजों को खुलकर खेलना होगा।
गेंदबाजी में चार्जर्स के पास कहने के लिए दुनिया के सबसे खतरनाक डेल स्टेन और राजधानी एक्सप्रेस ईशांत शर्मा तथा मेहनतकश अमित मिश्रा हैं लेकिन पिछले मैच में दिल्ली के कप्तान वीरेन्द्र सहवाग ने इनका जो हश्र किया था, उसे देखकर इन्हें बहुत संभलने की जरूरत है। हालांकि स्टेन और ईशांत का कुल मिलाकर विश्लेषण ठीक रह गया था लेकिन जिस तरह से सहवाग को मौके मिले थे, अगर वैसी गलती दोबारा होती है तो राइडर और युवराज कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।
पुणे की ओर से पिछले मैच में गेंदबाजों ने एकजुट होकर पंजाब का बाजा बजाया था। युवराज को यह कारनामा दोहराने की उम्मीद रहेगी। राहुल शर्मा अब तक 12 विकेट लेकर टीम के सबसे सफल गेंदबाज बने हुए हैं। वेन पार्नेल किफायती जरूर रहे हैं लेकिन उन्हें ज्यादा विकेट लेने की जरूरत है।
साथ ही पूर्व भारतीय कप्तान सौरभ गांगुली के लाखों प्रशंसक इस मैच में दादा के मैदान पर आने की उम्मीद लगाए होंगे। लंबे इंतजार के बाद मौजूदा सत्र में पुणे से जुड़े गांगुली अगर खेलने उतरते हैं तो देखना दिलचस्प होगा कि वह क्या कुछ कर पाते हैं। (वार्ता)