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गुमनामी में खोए ये आईपीएल के खिलाड़ी

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, मंगलवार, 21 अप्रैल 2015 (10:21 IST)
आईपीएल जबसे शुरु हुआ तब से अब तक कई ऐसे खिलाड़ी आए जिन्होंने आईपीएल में अपनी छाप छोड़ी। इनके बढ़िया प्रदर्शन की बदौलत इन्हें अगले सीजन में बेहतर दाम में दूसरी टीमों ने खरीदा भी, लेकिन कहते हैं ना कि क्रिकेट में एक या दो गेम खराब मतलब अब आपकी जगह को खतरा है।

ऐसा ही कुछ इन खिलाड़ियों के साथ हुआ और इन्हें कुछ नए चेहरों ने रिप्लेस कर लिया। अगले सीजनों में इनके नाम की बोली भी नहीं लगी और ये खिलाड़ी गुमनाम हो गए। 
 
ऐसे ही पांच खिलाड़ियों के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं जो आईपीएल में अच्छे प्रदर्शन के बावजूद आज गुमनाम हो गए हैं। 
 
आर पी सिंह : आप इस खिलाड़ी को तो जरूर जानते होंगे भारत ने 2007 का टी20 विश्व कप जीता और इस गेंदबाज ने टूर्नामेंट में भारतीय टीम की ओर से खेलते हुए बेहतरीन गेंदबाजी की और भारत की विश्व कप फतह में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
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2006 में पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट मैच में पर्दापण करने वाले आर पी सिंह अपने पहले ही टेस्ट में मैन ऑफ द मैच चुने गए। डेक्कन चार्जस ने 2009 में आईपीएल टाइटल अपने नाम किया, इसमें आर.पी सिंह का सबसे बड़ा योगदान रहा। आर पी ने 16 मैच खेलते हुए इस टूर्नामेंट में 23 विकेट लिए थे और वे टूर्नामेंट के सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज के रूप में चुने गए।  
 
इस दौरान उनका इकॉनमी भी 7 से कम रहा था। 2011 में मुंबई इंडियंस व 2014 में बैंगलोर की ओर से खेलने वाले आर पी सिंह का प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा और 2015 में आईपीएल में उन्हें कोई खरीदार नहीं मिला।

मुनफ पटेल : मुनफ पटेल ने 2008 के आईपीएल में राजस्थान की ओर से खेलते हुए बढ़िया प्रदर्शन किया, उन्होंने इस टूर्नामेंट में किफायती गेंदबाजी की और 14 विकेट निकाले। बाद के सीजनों में भी वे बढ़िया प्रदर्शन करते रहे। 2011 के आईपीएल में वे मुंबई इंडियंस की ओर से खेले और मुंबई इंडियंस की ओर से बेहतर खेल दिखाया, उन्होंने इस दौरान पूरे टूर्नामेंट में 22 सफलताएं अर्जित की।
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2013 का सीजन उनके लिए खराब रहा, लगातार चोटों से परेशान मुनफ पटेल को नए खिलाड़ियों ने रिप्लेस कर लिया और मुनफ पटेल कुछ दिनों में ही एक स्टार क्रिकेट खिलाड़ी से गुमनाम सितारे बन गए।

सिद्धार्थ त्रिवेदीः 2008 में आईपीएल शुरु हुआ, सिद्धार्थ त्रिवेदी को आईपीएल की टीम राजस्थान रॉयल्स ने खरीदा। शेन वॉर्न इस टीम के कप्तान थे। 25 साल के इस नौजवान की गेंदबाजी से शेन वॉर्न बहुत प्रभावित हुए। आईपीएल के पहले सीजन में सिद्धार्थ ने 12 विकेट लिए थे।  
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जिस प्रकार से वह गेंदों को हवा में लहराता था वह देखने लायक होता था। सिद्धार्थ की गेंद कई बार बल्लेबाज को हक्का-बक्का कर देती थी। एक साल के बाद इस गेंदबाज का नाम हर किसी के होंठों पर था। इस गेंदबाज की संभावनाएं भारतीय टीम में चयन के लिए भी बनने लगी थीं। 2013 का सीजन सिद्धार्थ के लिए ज्यादा बेहतर नहीं रहा, साथ ही उसी साल इस गेंदबाज का नाम स्पॉट फिक्सिंग से भी जुड़ा और इस प्रतिभाशाली खिलाड़ी का करियर यहीं तबाह हो गया।

टी. सुमन : टी सुमन हैदराबाद के एक बेहतरीन बल्लेबाज हैं। वे 2009 में आईपीएल में डेक्कन चार्जर्स की ओर से खेलते देखे गए। सुमन ने आईपीएल के इस सीजन में जबरदस्त बल्लेबाजी की व अपनी बल्लेबाजी से लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा। सुमन के लिए 2010 का आईपीएल का सीजन और भी बढ़िया रहा और उन्होंने 14 मैचों में 307 रन बनाए, जिसमें 2 अर्धशतक शामिल थे। इस दौरान वे पांच बार नाबाद भी रहे। 
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हालांकि बाद के सीजन में उन्हें मुंबई की टीम ने खरीदा, इस दौरान उन्हें बहुत कम मैच खेलने का मौका मिला। साथ ही जो मौके मिले उन्हें वे भुना नहीं पाए। 2013 में पुणे की टीम से खेलने वाले सुमन का 2014 के आईपीएल में कोई खरीदार नहीं मिला।

वेणु गोपाल राव : भारतीय टीम में सुरेश रैना और वेणुगोपाल राव लगभग एक समय टीम में आए थे। वेणु गोपाल राव ने 2005-06 के दौरान भारतीय टीम में पहली बार जगह बनाई, लेकिन वेणुगोपाल अपने खराब प्रदर्शन की वजह से ज्यादा दिन तक भारतीय टीम में टिक नहीं सके।
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2008 में आईपीएल में डेक्कन चार्जस ने उन्हें खरीदा, और उन्होंने बढ़िया खेल दिखाते हुए 11 मैचों में 288 रन बनाए। इस दौरान उन्होंने कोलकाता नाइटराइडर्स के विरुद्ध 42 गेंदों में 71 रन बनाए, जो उनका आज भी आईपीएल में सर्वोत्तम स्कोर है। वेणुगोपाल बाद के सीजन कुछ खास नहीं कर सके। वे 2011 में दिल्ली डेयरडेविल्स की ओर से खेले। 2014 में वे अंतिम बार सनराइजर्स हैदराबाद की ओर से खेलते देखे गए। 2015 के आईपीएल में उनको खरीदा नहीं गया।

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