नई दिल्ली। बीसीसीआई ने कोलकाता नाइटराइडर्स के गेंदबाज सुनील नारायण को राहत देते हुए अंतिम चेतावनी के साथ उन्हें एक्शन को स्वीकृति दे दी जिससे इस रहस्यमयी स्पिनर के मौजूदा आईपीएल क्रिकेट टूर्नामेंट में गेंदबाजी करने का रास्ता साफ हो गया।
पिछले साल चैंपियंस लीग टी-20 के दौरान नारायण के एक्शन की शिकायत की गई थी लेकिन रिहैबिलिटेशन कार्यक्रम में हिस्सा लेने के बाद उन्होंने एक्शन में सुधार किया। मौजूदा आईपीएल में एक बार फिर उनके एक्शन की शिकायत हुई और 28 अप्रैल को उनके ऑफ स्पिन गेंदबाजी करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया।
वेस्टइंडीज के इस गेंदबाज ने हालांकि बीसीसीआई की संदिग्ध एक्शन गेंदबाजी समिति से एक बार फिर आधिकारिक आकलन का आग्रह किया और उन्हें राहत मिल गई।
बीसीसीआई ने मीडिया विज्ञप्ति में कहा कि अर्जी मिलने के बाद खिलाड़ी का आईसीसी और बीसीसीआई से मान्यता प्राप्त चेन्नई की श्री रामचंद्र ऑर्थ्रोस्कोपी एंड स्पोर्ट्स साइंस सेंटर (एसआरएएसएससी) में तीसरा बायोमैकेनिकल परीक्षण कराया गया, इस बार सुधरे हुए एक्शन के लिए।
बयान के अनुसार कि इस आकलन ने समिति के पहले आधिकारिक आकलन की पुष्टि की कि ऑफ स्पिन का सुधरा हुए एक्शन नियम 24.2 (नियम 24.3 के संदर्भ में) का उल्लंघन नहीं है।
ऑस्ट्रेलिया के चाइनामैन गेंदबाज ब्रैड हाग ने हालांकि नारायण की कमी की भरपाई की है लेकिन कोलकाता नाइटराइडर्स के थिंक टैंक ने हमेशा जोर देकर कहा है कि उसे इस ऑफ स्पिनर की टीम में जरूरत है।
बीसीसीआई ने कहा है कि यह स्पिनर नए एक्शन के साथ अपनी सभी गेंद फेंक सकता है। बयान में कहा गया कि इसे देखते हुए समिति ने फैसला किया है कि नारायण का नाम आईपीएल संदिग्ध गेंदबाजी एक्शन चेतावनी सूची से हटा दिया जाए और वह आईपीएल सहित बीसीसीआई द्वारा आयोजित मैचों में सभी तरह की गेंद (ऑफ स्पिन, तेज सीधी गेंद आदि) फेंक सकता है।
बयान के अनुसार कि समिति हालांकि नारायण का ध्यान आईपीएल संदिग्ध गेंदबाजी एक्शन नीति पैरा 4.9 की ओर खींचना चाहती है।
इस सत्र के दौरान एक बार फिर संदिग्ध गेंदबाजी एक्शन की रिपोर्ट उन्हें इस सत्र में बाकी मैचों में गेंदबाजी से प्रतिबंधित कर देगी। इस खिलाड़ी को इसलिए चेतावनी दी जाती है कि वह सतर्क रहे और अपने सुधरे हुए एक्शन से नहीं भटके। (भाषा)