किंग्स इलेवन पंजाब ने आईपीएल 2018 की शुरुआत तो बहुत अच्छी की थी। पंजाब ने शुरुआती 6 मैचों में से 5 मैच जीते थे। ऐसा माना जा रहा था कि टीम आसानी से प्लेऑफ में क्वालीफाई कर लेगी। लेकिन ऐसा हुआ नहीं और वह अगले 8 मैचों में सिर्फ 1 में ही जीत दर्ज कर पाई और प्लेऑफ की दौड़ से बाहर हो गई। शुरुआती 6 में से 5 मैच जीतने के बावजूद प्लेऑफ में न पहुंचने वाली किंग्स इलेवन पंजाब आईपीएल की पहली टीम है।
किंग्स इलेवन पंजाब की टीम ने कुछ खिलाडियों को बार-बार मौके दिए तो कुछ को अपने पूरे सीजन में सिर्फ बेंच पर ही बिठाए रखा। इन्हीं खिलाड़ियों में एक नाम ऑस्ट्रेलिया के 23 साल के युवा ऑलराउंडर बेन डेवोसियस का भी है जिन्हें पंजाब की टीम ने एक भी मैच में खेलने का मौका नहीं दिया। बेन डेवोसियस को कई टीमें खरीदना चाहती थीं, लेकिन पंजाब की टीम उन्हें अपने साथ रखने के लिए सभी टीमों से भिड़ गई और डेवोसियस की बेस प्राइज 20 लाख होने के 1.40 करोड़ रुपए में खरीदा।
किंग्स इलेवन पंजाब की टीम लगातार हार झेलती रही, पर बेन डेवोसियस पर इतने पैसे खर्च करने के बाद भी पंजाब की टीम ने उन्हें एक मैच में भी खिलाना सही नहीं समझा। पंजाब की टीम ने ऑलराउंडर मार्क्स स्टोइनिस को कई मौके दिए, पर वे बुरी तरह से फेल होते रहे। स्टोइनिस ने 7 मैचों में 10 से ऊपर की इकॉनॉमी से रन तो दिए ही, साथ ही बल्ले से भी कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाए और कुल 99 रन ही बना पाए।
डेवोसियस अपनी गेंदबाजी में गति परिवर्तन करना खूब जानते हैं। डेवोसियस ने बीबीएल में अपनी गेंदबाजी में मिश्रण के मामले में खूब शोहरत बटोरी थी। अगर बेन डेवोसियस को टीम मौका देती तो शायद वे एंड्रयू टाय के साथ मिलकर अपनी टीम के लिए कुछ कर सकते थे। लेकिन टीम के कप्तान को अपने इतने महंगे खिलाड़ी की याद ही तक नहीं आई।