कोलकाता। शांत स्वभाव के विकेटकीपर बल्लेबाज़ दिनेश कार्तिक अपनी टीम कोलकाता नाइटराइडर्स को आईपीएल-11 में उतार चढ़ाव के दौर से निकालते हुए प्लेऑफ में ले आए हैं लेकिन अब उनकी असल परीक्षा बुधवार को राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ एलिमिनेटर मुकाबले में टीम को जीत के साथ दूसरे क्वालिफायर में ले जाने की होगी।
केकेआर और राजस्थान के बीच ईडन गार्डन मैदान पर बुधवार को टूर्नामेंट का एलिमिनेटर मुकाबला खेला जाएगा जो दोनों टीमों के लिए अब करो या मरो का मैच है। जीतने वाली टीम को जहां दूसरे क्वालिफायर मैच में पहले क्वालिफायर की हारने वाली टीम से खेलकर फाइनल में जगह बनाने का मौका होगा तो वहीं हारने वाली टीम के लिए यह टूर्नामेंट का आखिरी मैच साबित होगा। कोलकाता की टीम को अपने घरेलू ईडन गार्डन मैदान पर खेलने का फायदा ज़रूर मिल सकता है।
शाहरूख खान के सह मालिकाना हक वाली टीम की हौंसला अफज़ाई के लिए करीब 66 हज़ार दर्शकों के मौजूद रहने की उम्मीद है। दो बार की चैंपियन कोलकाता को इसलिए भी मैच में जीत का दावेदार माना जा रहा है क्योंकि उसने राजस्थान के खिलाफ अपने पिछले दोनों मुकाबले लीग चरण में जीते हैं।
हालांकि धीमी शुरूआत के बावजूद सभी को चौंकाकर प्लेऑफ में पहुंचने वाली राजस्थान को कम आंकना भारी गलती साबित हो सकती है जिसने अपने आखिरी मैच में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू को 30 रन से हराकर प्लेऑफ में जगह पक्की की थी।
मैच में उच्च तापमान के अलावा शाम को आद्रता की वजह से भी पिच के प्रभावित होने की उम्मीद है जो मैच के परिणाम पर असर डाल सकती है। हालांकि दोनों टीमों के खिलाड़ियों का प्रदर्शन ही अंत में मैच का रूख तय करेगा। राजस्थान के कप्तान अजिंक्या रहाणे के लिए ज़रूरी होगा कि वह केकेआर के खिलाफ पिछली गलतियों से बचें जिसने उन्हें घरेलू और बाहरी मैदान पर हुए दोनों मैचों में हराया है।
ईडन पर 15 मई को खेले गए मैच में कोलकाता छह विकेट से जीता था जिसमें चाइनामैन गेंदबाज़ कुलदीप यादव ने करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 20 रन पर चार विकेट लिए थे। इस मैच में राजस्थान 19 ओवर में 142 रन पर ऑल आउट हो गई थी।
दिलचस्प रहा कि जहां वर्ष 2008 की चैंपियन राजस्थान ने 4.5 ओवर में एक विकेट पर 63 रन बनाए वहीं वह पूरी टीम 19 ओवर में 142 रन ही बना सकी। इससे पहले 18 अप्रैल को दोनों टीमों के बीच जयपुर में खेले गए मैच में भी मेज़बान राजस्थान को केकेआर से अपने ही ग्राउंड पर सात विकेट से हार झेलनी पड़ी थी।
वर्ष 2012 और 2014 में गौतम गंभीर की कप्तानी में खिताब जीतने वाली कोलकाता इस बार नए कप्तान कार्तिक के नेतृत्व में इतिहास रचने के लिए खेल रही है। लंबे समय तक राष्ट्रीय टीम से बाहर रहने के बाद अचानक कार्तिक सुर्खियों में आए और गंभीर की जगह उन्हें कोलकाता का नया कप्तान भी बना दिया गया।
हालांकि शुरूआती हार के बाद जहां टीम मैनेजमेंट के निर्णय पर सवाल उठे तो वहीं उतार चढ़ाव के बावजूद टीम के प्लेऑफ में पहुंचने पर कार्तिक से उम्मीदें बढ़ गई हैं। केकेआर ने आखिरी ग्रुप मैचों में हैदराबाद को पांच विकेट, राजस्थान को छह विकेट,पंजाब को 31 रन से हराया है और वह अच्छी लय में है।
कोलकाता के पास बल्लेबाज़ी और गेंदबाज़ी संयोजन बेहतरीन है जिसमें कप्तान 14 मैचों में 438 रन के साथ शीर्ष स्कोरर हैं तो गेंदबाज़ से बल्लेबाज़ की भूमिका निभा रहे स्पिनर सुनील नारायण ने भी इतने मैचों में 327 रन बनाकर प्रभावित किया है जिसमें दो अर्धशतक भी शामिल हैं।
कार्तिक ने पूरे टूर्नामेंट में अपने मध्यक्रम को बरकरार रखा है और उसे इसका फायदा भी मिला और टीम अंतत: तालिका में 16 अंकों के साथ तीसरे नंबर पर रही। केकेआर में कई गैर अनुभवी खिलाड़ियों के अलावा उसके अहम खिलाड़ियों की फिटनेस भी इस बार सवालों के घेरे में रही है जिसमें आंद्रे रसेल और क्रिस लिन शामिल थे।
हालांकि लिन ने 14 मैचों में 425 रन बनाए और वह टीम के दूसरे शीर्ष स्कोरर हैं जबकि अनुभवी रॉबिन उथप्पा (346 रन) से भी एलिमिनिटेर में अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद रहेगी।
गेंदबाज़ों में सुनील ने बल्लेबाज़ी की तरह ही प्रभावित किया है और वह 16 विकेट के साथ सबसे सफल रहे हैं। इसके बाद कुलदीप(14 विकेट), आंद्रे रसेल (13 विकेट) और पीयूष चावला (11 विकेट) भी टीम की गेंदबाज़ी आक्रमण का अहम हिस्सा हैं। वहीं शीर्ष टीम सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ आखिरी मैच में हराकर प्लेऑफ में जगह पक्की करने वाली केकेआर के लिए एम प्रसिद्ध कृष्णा का प्रदर्शन भी बेहतरीन रहा, जिन्होंने 30 रन पर चार विकेट निकाले थे। दूसरी ओर राजस्थान रॉयल्स के पास जोस बटलर (548 रन) जैसा शीर्ष स्कोरर है जिसने टूर्नामेंट में पांच अर्धशतक लगाए हैं। वहीं संजू सैमसन (391) और रहाणे (324) से भी बढ़िया स्कोर की उम्मीद होगी। गेंदबाज़ों में टीम के पास बेन लाफलिन, जयदेव उनादकट के साथ स्पिन जोड़ी कृष्णप्पा गौतम और श्रेयस गोपाल हैं जो ईडन में अपनी पिछली हार का बदला चुकता करने के साथ जीत तय करने में अहम भूमिका निभा सकते हैं। (वार्ता)