बुधवार को किंग्स 11 पंजाब का मुकाबला मुंबई इंडियंस से हुआ। इस मैच को किंग्स इलेवन पंजाब आसानी से खत्म कर सकती थी लेकिन रोमांचक बनाकर यह मैच मुंबई की झोली मेंं डाल दिया। यह मैच मुंबई इंडियंस 3 रनों से जीत गई। मुंबई इंडियंस अगर यह मैच हार जाती तो आधिकारिक तौर पर टूर्नामेंट से बाहर हो जाती। वहीं किंग्स इलेवन पंजाब ने कल का मैच हारकर अपनी हालत काफी खस्ता कर ली है। अब वह छठवें नंबर पर हैं।
आइए जानते हैं कि मैच में किंग्स इलेवन पंजाब की ओर से ऐसा क्या गलत हो गया कि उनको मैच से हाथ धोना पड़ा। दरअसल एक अनुभवी खिलाड़ी की मौजूदगी को दर किनार कर एक नाकाबिल खिलाड़ी को प्रमोट करना किंग्स इलेवन पंजाब को भारी पड़ा। 187 रनों का पीछा करने उतरी किंग्स इलेवन पंजाब के लिए के एल राहुल की 60 गेंदों में खेली गई 94 रनों की पारी ने लगभग काम आसान कर दिया था।
किंग्स इलेवन पंजाब की टीम सत्रहवें ओवर तक मैच में बनी हुई थी। मध्यक्रम संभालने वाले ऐरॉन फिंच इस ओवर की पहली गेंद पर चलते बने । ऐसी आशंका थी कि अब युवराज सिंह उतरेंगे पर ऐसा नहीं हुआ स्टोनिस को बल्लेबाजी के लिए उतारा गया जो दो गेंद में 1 रन बनाकर वापस आ गए। फैंस को उम्मद थी कि अब तो युवराज सिंह फिनिशर के रूप में आएंगे बल्लेबाजी करने।
लेकिन युवराज सिंह की जगह बल्लेबाजी करने उतरे अक्षर पटेल जिनका टी-20 स्ट्राइक रेट 126 की है। इस सीजन की बात करे तो वह बल्लेबाजी पर उतरने से पहले वह 7 मैचों में मात्र 56 रन बना चुके थे। मुंबई इंडियंस के खिलाफ भी उन्होंने 8 गेंदों में मात्र 10 रन बनाए। इसमें भी आखिरी ओवर में मैक्लेघन की गेंद पर छक्का न मारा होता तो यह 8 गेंदों में 4 रन का आंकड़ा होता।
अब सवाल यह है कि युवराज सिंह जैसा अनुभवी बल्लेबाज टीम में होते हुए भी टीम मैनेजमेंट ने ऐसी बेवकूफी क्यों की। क्रिकेट का खेल सिर्फ आंकडो़ं का नहीं नाम का भी है। युवराज सिंह भले ही खराब फॉर्म से जूझ रहे हों पर किंग्स इलेवन टीम के लिए वह इस सीजन में सबसे बड़ा नाम हैं। युवराज सिंह पर अक्षर पटेल को तरजीह देने का यह एकमात्र फैसला टीम को आईपीएल से बाहर का रास्ता तक दिखा सकता है।